महापौर के आतिथ्य में भावपूर्ण विदाई आज होगी आठ दिवसीय महोत्सव की पूणार्हुति भजन संध्या संपन्न
इंदौर। शहर के पश्चिमी क्षेत्र स्थित अन्नपूर्णा मंदिर के नव श्रृंगारित अन्नपूर्णा लोकको अपनी छैनी-हथौड़ी से 1200 से अधिक देवी-देवताओं की मूरत को सजीव आकार देने वाले उड़ीसा के उन 40 शिल्पियों को रविवार रात मां अन्नपूर्णा, मां कालिका एवं मां सरस्वती की सक्षी में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मंदिर ट्रस्ट की ओर से मातारानी की चुनरी, श्रीफल, नए वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर इंदौर को यह अनूठी सौगात देने पर सम्मानित किया और उन्हें भाव पूर्ण विदाई दी।
मंदिर के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के सानिध्य एवं मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष स्वामी जयेन्द्रानंद गिरि की मौजूदगी में इन सभी शिल्पियों को मंदिर ट्रस्ट की ओर से श्याम सिंघल, सुनील गुप्ता, सत्यनारायण शर्मा एवं बाहर से आए स्वामी प्रणवानंद गिरि, स्वामी विजयानंद गिरि एवं अन्य संत विद्वानों ने भावपूर्ण कार्यक्रम में मंदिर की सीढ़ियों पर सम्मानित किया। इन सभी शिल्पियों ने करीब 3 वर्षों तक इंदौर के अन्नपूर्णा आश्रम में रहते हुए दिन-रात मेहनत के बाद इस मंदिर को अन्नपूर्णा लोक के रूप में साकार किया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी भावुक होकर इन सभी शिल्पियों का चुनरी ओढ़ाकर अभिनंदन किया और ट्रस्ट की ओर से इनके पारिश्रमिक के साथ ही पुरस्कार की राशि भी भेंट की। नूतन श्रृंगारित मंदिर के परिसर में स्थापित भगवान भोलेनाथ को भिक्षा देते हुए मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के समक्ष मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान मनोहारी रंगोली का निर्माण करने वाली सुश्री प्राची शर्मा को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया, वहीं शहर के प्रथम नागरिक महापौर पुष्यमित्र भार्गव को भी उनके द्वारा प्रदत्त सहयोग के लिए मंदिर का रजत मंडित मॉडल भेंटकर सम्मानित किया गया।
इंदौर
अन्नपूर्णा लोक को अपनी छैनी-हथौड़ी से साकार और जीवंत बनाने वाले उड़ीसा के शिल्पियों का सम्मान
- 07 Feb 2023