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अलाव जलाकर ट्रक के केबिन में सोए, फिर नहीं उठे

  • 01 Dec 2022

कोयले के धुएं में घुटा दम; दो चचेरे भाइयों की मौत
सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ठंड से बचने के लिए चचेरे भाइयों ने तसले में कोयला जलाया। इसके बाद ट्रक के केबिन में तसला रखकर सो गए। दम घुटने से दोनों की मौत हो गई।
मामला सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र का है। ट्रक चालक रावेंद्र सिंह(22) और जगदेव सिंह (26) कोल यार्ड गजराबहरा से बंधौरा पावर प्लांट में जा रहे थे। मंगलवार की रात वे जगगड़ी तिराहे पर पहुंचे थे। रात में दोनों को ठंड लगी तो वे तसले में कोयला जलाकर तापने लगे। इसके बाद वे तसला लेकर ट्रक के अंदर आ गए। इसके बाद ट्रक का शीशा और गेट बंद कर सो गए।
पुलिस ने गेट तोड़कर निकाले शव
बुधवार सुबह ट्रक काफी देर तक सड़क किनारे खड़ा मिला। सुबह आसपास के लोगों ने देखा तो दो युवक केबिन के अंदर थे। लोगों ने आवाज लगाई लेकिन दोनों ने गेट नहीं खोला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गेट तोड़कर देखा तो दोनों की मौत हो चुकी थी। रावेंद्र सिंह ने अपने चचेरे भाई को जगदेव को परिचालक रखा था। जगदेव की 1 वर्ष पहले शादी हुई थी। रावेंद्र की शादी नहीं हुई है।
कोयला के धुएं से दोनों की मौत
सरई थाना प्रभारी नेहरू सिंह खंडाते ने बताया कि कोयला वाहन हाइवा में मंगलवार को दो युवक हाइवा चालक व परिचालक एक बर्तन में कोयला जलाकर गाड़ी के अंदर रख सो गए थे। कोयला के धुएं से दोनों व्यक्ति की मौत हो गई है।
कार्बन मोनो ऑक्साइड से ब्रेन हेमरेज का खतरा
जिला अस्पताल में डॉक्टर बालेंदु शाह ने बताया कि कोयला जलाने पर कार्बन मोनो ऑक्साइड निकलता है, जो कि सांस के जरिए अंदर जाने पर दिमाग में खून की सप्लाई को रोक देता है। इसके कारण ब्रेन हेमरेज होता है और मृत्यु हो जाती है। लोग घरों में भी या फिर बंद जगहों पर जो कोयले की आग और हीटर ये सब चीजें जलाते हैं तो ये इनके लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होता है।
बंद कमरों में कोयला जलाना खतरनाक
बंद कमरों में जब लोग इन सभी चीजों का प्रयोग करते हैं तो कार्बन डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस पैदा हो जाती हैं। इनके आने से बंद जगह की ऑक्सीजन खत्म होने लगती है। कुछ देर बाद ऐसा होता है हमारा फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं। इससे ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो जाती है। दम घुटने से मौत तक हो सकती है।