इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण के पास इन दिनों फंड का संकट बना हुआ है। हालत यह है कि करोड़ों के कार्य स्वीकृत कर लिए है, लेकिन काम शुरू कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। सूत्र बताते हैं कि इसके चलते सुपर कारीडोर पर कालोनी विकसित करने की योजना को इसी कारण विराम देना पड़ा।
भारी भरकम राशि के लिए शासन से मदद मांगी गई है। तीन साल पहले प्राधिकरण ने हाईराइज बिल्डिंग और कालोनी विकास की योजना तैयार की थी। योजना में किसानों की जमीन खरीदने का प्रावधान था। जमीन के बदले किसानों को तैयार सम्पति में से 35 फीसदी का हिस्सेदार बनाया जाना था। किसानों ने फायदे का सौदा मानकर अपनी करोड़ों की जमीन देने की सहमति दी। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जब निर्माण कार्य शुरू किया जाने लगा तो कोरोना संक्रमण आड़े आ गया। दो साल तक कोई काम नहीं हुआ। इसके बाद काम शुरू कराने की बारी आई तो शहर में 11 फ्लायओवर ब्रिज, सड़कों का जाल, आवास निर्माण की योजना तैयार हो गई। कालोनी विकसित करने में जो राशि लगाई जाना थी, वह अलग-अलग विकास कार्यों में बंट गई। नतीजतन, कालोनी की योजना को विराम देना पड़ गया। उधर, प्राधिकरण ने फ्लायओवर ब्रिज निर्माण को प्राथमिकता में शामिल किया है। यह तय माना जा रहा है इस साल सुपर कारीडोर पर कालोनी का काम शुरू नहीं हो पाएगा। अगले साल मेट्रो ट्रेन के प्रथम चरण का काम पूर्ण होने के बाद पुन: कालोनी विकास पर आईडीए फोकस करेगा। विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रामप्रकाश अहीरवाल ने बताया कि फंड आते ही कालोनी विकास को गति दी जाएगी।
इंदौर
आईडीए ने कालोनी विकास की योजना रोकी
- 27 Sep 2022