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इंदौर

कंपनी के सहायक प्रबंधन को लगाई 5 लाख की चपत

  • 30 Sep 2022

इंदौर। निजी कंनी के सहायक प्रबंधक के साथ 5 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई। इस पर उन्होंने सायबर सेल में शिकायत की, जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उक्त राशि वापस दिलवाई गई।
स्टेट सायबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि 14 सितंबर शिकायतकर्ता पीथमपुर स्थित निजी कंपनी के सहायक प्रबंधक, इंदौर निवासी व्दारा शिकायत की गई कि उनके मोबाईल नंबर पर बैंक खाते की केवायसी अपडेट करने हेतु टेक्स्ट मैसेज प्राप्त हुए, मैसेज को सही समझकर सहायक प्रबंधक व्दारा मैसेज की लिंक पर क्लिक किया गया। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक से मिलता जुलता एक फर्जी पेज खुला जिसमें इंटरनेट बैंकिग की लाग इन आई.डी. व पासवर्ड दर्ज करना था । उन्होने अपना बैंक खाता नंबर व रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर दर्ज करने के बाद फ्राडस्टर व्दारा खाते का एक्सेस प्राप्त कर लिया। इसके कुछ देर बाद ही इन्हे भारतीय स्टेट बैंक खाते से 5 लाख रुपये खाते से डेबिट हो जाने संबंधी मैसेज आए।
 उक्त अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलते ही सहायक प्रबंधक ने स्टेट सायबर सेल जोन कार्यालय इंदौर में उपस्थित होकर अपने साथ हुए फायनेंशियल फ्राड की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को गंभीरता से देखते त्वरित कार्यवाही कर प्राप्त बैंक स्टेटमेंट, मोबाईल पर प्राप्त मैसेज का अध्ययन कर अवैध ट्रांजेक्शन की जानकारी संकलित की गई। संकलित जानकारी के आधार पर फ्राडस्टर द्वारा फ्राड  की राशि से आनलाईन डिजिटल गोल्ड की खरीदी विक्रेता कंपनी डिजीटल गोल्ड इंडिया प्रालि से करना पाया गया।
प्राप्त जानकारी के आधार पर संबंधित बैंक को त्वरित पत्राचार व दूरभाष से संपर्क कर अवैध ट्रांजेक्शन को रोकने संबंधी प्रक्रिया पूर्ण की गई, जिसके फलस्वरुप शिकायतकर्ता सहायक प्रबंधक को फ्राड की संपूर्ण राशि वापस कराने में सफलता प्राप्त हुई।  उक्त कार्यवाही में निरीक्षक रामसुमेर तिवारी, उप निरीक्षक मनीषा पाटोदे तथा विवेक मिश्रा की सराहनीय भूमिका रही।