होली पर ही होती है विशेष पूजा, मनौती पूरी करने वाले देवता पड़ा नाम
मुलताई । राक्षस कुल के मेघनाथ को मुलताई सहित ग्रामीण क्षेत्रों में देवताओं की तरह पूजा जाता है। गांव-गांव मेघनाथ स्वरूप 3 खंभे लगाए गए हैं। सदियों से मेघनाथ की पूजा का दौर क्षेत्र में चल रहा है। होली पर ही मेघनाथ की विशेष पूजा होती है। रंग खेलने के बाद मेघनाथ के आसपास मेला लगता है और पूजन का दौर शुरू होता है।
मेघनाथ को क्षेत्र में मनौती पूरी करने वाला देवता भी माना जाता है। मान्यता है कि मेघनाथ भूत प्रेत से लोगों की रक्षा करते हैं और पैरालिसिस सहित गंभीर बीमारियों को ठीक करते हैं। मनौती पूरी होने पर लोग मेघनाथ के पास आकर नारियल फोड़ते हैं, वही जो लोग मनौती मांगते हैं। लोग फोड़ने के बजाय नारियल अर्पित करते हैं।
गांव के बुजुर्ग हरिप्रसाद पठाडे ने बताया कि सदियों से यहां मेघनाथ की पूजा की जा रही है। हर 11 गांव में एक स्थान पर मेघनाथ की स्थापना की गई है, 11 गांव के लोग उसी मेघनाथ पर आकर पूजन करते हैं। नई फसल आने पर फसल की उंगलियां एवं फल भी मेघनाथ को अर्पित किए जाते हैं।
पांच चक्कर झूला लेने से दूर होता है पैरालिसिस
हरिप्रसाद पठाडे ने बताया कि होली के दिन यदि मेघनाथ के झूले पर पांच चक्कर झूला ले लिया जाए तो पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारी भी ठीक हो जाती है। उन्होंने बताया कि यहां की उदी लगाने से भूत-प्रेत की बाधा भी दूर हो जाती है। इन्हीं बाधाओं को दूर होने पर एवं मनौती पूरी होने पर हजारों लोग यहां आकर नारियल अर्पित करते हैं।
समय बदला, लेकिन नहीं बदली आस्था
मेघनाथ समिति के सदस्यों का कहना है कि समय तो तेजी से बदला है, लेकिन मेघनाथ के प्रति लोगों की आस्था नहीं बदली है। नई पीढ़ी के लोग भी यहां आकर पूजन करते हैं एवं उसी मान्यता को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। पूरे देश में लोग कहीं भी हो, लेकिन होली के दिन मेघनाथ पर आकर पूजन जरूर करते हैं।
क्षेत्र के कभी राजा होते थे मेघनाथ
हरिप्रसाद ने बताया कि मेघनाथ क्षेत्र के कभी राजा हुआ करते थे, दक्षिण से लेकर यहां तक मेघनाथ और रावण का साम्राज्य था तभी से लोग मेघनाथ का पूजन करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि नर्मदापुरम के उस पार मेघनाथ की पूजा नहीं होती, लेकिन नर्मदापुरम के इस हिस्से में मेघनाथ को पूजा जाता है।
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देवताओं की तरह पूजे जाते हैं मेघनाथ
- 07 Mar 2023