पहले विवाद किया, फिर लगा दी थी आग, खुद अस्पताल लेकर पहुंचा था
इंदौर। पत्नी को जिंदा जलाने वाले पति को सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपी ने मामूली विवाद के बाद पत्नी पर केरोसीन उड़ेलकर आग लगा दी थी। उसने उसे जलते हुए कमरे में बंद भी कर दिया था। बाद में अपनी गलती छुपाने के लिए वह उसे लेकर अस्पताल पहुंचा जहां इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गई, लेकिन मरने से पहले उसने पति की करतूत पुलिस को बता दी थी।
वारदात 14 सितंबर 2017 की है। ग्राम पालिया निवासी बबीता पत्नी सतीश को गंभीर रूप से जली हालत में एमवायएच में भर्ती कराया गया था। सूचना मिलने पर पुलिस अस्पताल पहुंची तो बबीता ने पुलिस को बताया कि वह ग्राम पालिया में रहती है और मजदूरी करती है। उसका मायका ग्राम मुण्डला कलमा में है। घटना से करीब डेढ वर्ष पूर्व उसने परिवार वालों की मर्जी से पुनर्विवाह (नातरा) सतीश पिता शिशुपाल के साथ किया था। 14 सितंबर 2017 की शाम करीब सात बजे पति सतीश बारिश में गीला होकर आया। वह टावेल लेकर उसे पोछने लगी तो सतीश उसे गालियां देने लगा। उसने पति को ऐसा करने से रोका तो पति ने घर में रखा केरोसीन उस पर डाला और आग लगा दी। वह चिल्लाई तो सतीश ने घर का दरवाजा लगा दिया। झूमाझटकी में सतीश के हाथ भी जल गए।
खुद अस्पताल लेकर पहुंचा
घटना के बाद सतीश ने उसे कमरे में बंद कर दिया था। फिर बाद में एमवायएच लेकर पहुंचा। बबीता ने अस्पताल में माता-पिता और अन्य स्वजन को घटना बताई। इलाज के दौरान बबीता की मौत हो गई। पुलिस ने पति सतीश को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर चालान प्रस्तुत किया। जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को सत्र न्यायालय ने मामले में निर्णय पारित करते हुए सतीश पुत्र शिशुपाल चौहान को धारा 302 में आजीवन कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक गोकुल सिंह सिसोदिया ने पैरवी की।
इंदौर
पत्नी को जिंदा जलाने वाले पति को आजीवन कारावास
- 14 Sep 2022