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इंदौर

बच्चों को समझाए फेलियर का मतलब द एंड  नही होता

  • 02 Mar 2023

शासकीय माध्यमिक विद्यालय में एग्जाम प्रेशर पर चर्चा
इंदौर। एग्जाम का प्रेशर कहीं ना कहीं स्टूडेंट्स को चिडचिडा बना देता है और कॉन्फिडेंस भी लूज करता है और सर दर्द या माइग्रेन जैसी समस्या से घिरने लगता है , इसी के मद्देनजर क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा विजय नगर शासकीय माध्यमिक विद्यालय में आयोजन किया गया जिसमे न्यूरोलॉजिस्ट डॉ मनोरंजन बरनवाल ने एग्जाम प्रेशर पर परिचर्चा की । इस मौके पर प्रधानाचार्य विजय यादव मौजूद थे ।
डॉ मनोरंजन बरनवाल ने बताया की परीक्षा के समय स्ट्रेस एक लिमिट तक स्ट्रेस अच्छा है क्यूंकि तभी हम मेहनत करते है एग्जाम के लिए , पर एक लेवल के बाद हमारा परफॉरमेंस खराब हो जाता है अगर स्ट्रेस बढे तो, इसलिए स्ट्रेस बैलेंस होना चाहिए ।
इसके लिए सबसे पहले परीक्षा के कुछ दिनों पहले से अपनी दिनचर्या ऐसी बनाइये जो एग्जाम में हो जैसे उस वक्त जरूर लिखे जब एग्जाम टाइम में लिखने का समय हो , उठने , सोने , पढऩे और खाने की दिनचर्या भी उसी हिसाब से बनायें और बैलेंस्ड बनाएं ।परीक्षा का समय बच्चों के लिए सबसे ज्यादा तनाव वाला होता है। कोर्स कंप्लीट करने और बेहतर प्रदर्शन के दबाव में कुछ बच्चे बहुत अधिक प्रेशर लेने लगते हैं। इस कारण से बच्चे अक्सर तनाव का शिकार हो जाते हैं। परिवार और शिक्षकों की उम्मीदें भी कई बार बच्चों में तनाव का कारण बन जाती है।फेलियर एक्सेप्ट करना बच्चो को सिखाएं बच्चो को समझाए की फेलियर मतलब है की आपने कोशिश करी है यानी हिम्मत है आपमें एवं रिस्क लेने की क्षमता है । फेलियर का मतलब ह्लद एंड ह्ल नही होता , सिर्फ एक स्पीड ब्रेकर होता है जिसको आप शांत और पॉजिटिव रहकर और खुद पर भरोसा रखकर पार कर सकते है ।