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इंदौर

लोहे के जंजाल में जकड़ा राजवाड़ा, मुक्त करवाने के लिए हस्ताक्षर

  • 18 Aug 2022

प्रशासन और पुरातत्व विभाग की धीमी चाल और रुख पर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं
इंदौर। शहर की पहचान और दिल कहा जाने वाला राजवाड़ा तीन-चार वर्षों से लोहे के जंजाल में जकड़ा हुआ है। राजवाड़ा को मुक्त करवाने और पुराना वैभव लौटाने की मांग लेकर बुधवार सुबह हस्ताक्षर अभियान छेड़ दिया गया। प्रशासन और पुरातत्व विभाग की धीमी चाल और रुख पर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने राजवाड़ा पर बड़ा कैनवास लगवाकर इसे जंजाल से मुक्त करने की मांग लेकर लोगों से हस्ताक्षर करवाए।
तीन साल से ज्यादा समय पहले पुरातत्व विभाग और प्रशासन ने राजवाड़ा का जीर्णोद्वार शुरू किया था। नवीनीकरण और जीर्णोद्वार के लिए राजवाड़ा का प्रवेश द्वार तो बंद किया ही गया पुराने भवन के आसपास लोहे के एंगिल और टीन शेड लगा दिए गए। तब से अब तक न केवल जंजाल राजवाडा़ को घेरे हुए है बल्कि आम लोगों के लिए प्रवेश भी इतने वर्षों से बंद है। दावा किया गया था कि एक से डेढ़ वर्ष में जीर्णोद्वार का काम पूरा हो जाएगा। राजवाड़ा के काफी समय बाद पास में ही गोपाल मंदिर का भी जीर्णोद्वार शुरू हुआ था। यह मंदिर भी राजवाड़ा की तरह होलकर काल का ही है।
मंदिर खोला लेकिन राजवाड़ा अभी भी बंद
गोपाल मंदिर का जीर्णोद्वार न केवल लगभग पूरा हो चुका है बल्कि आम लोगों के लिए मंदिर खोल भी दिया गया है। जबकि राजवाड़ा अब तक बंद है और काम अधूरा है। युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष स्वप्निल कांबले, अध्यक्ष रमीज खान और अन्य कार्यकतार्ओं ने बुधवार सुबह बंद राजवाडा़ के बाहर की कैनवास लगाकर राजवाड़ा को जंजाल से मुक्त करने की मांग के समर्थन में लोगों से हस्ताक्षर मांगे। युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर भी राजवाड़ा जैसी एतिहासिक धरोहर का लोहे के जंजाल में जकड़े रहना और आम लोगों के लिए नहीं खुलना शर्मनाक है। समय सीमा बीतने के महीनों बाद भी जीर्णोद्वार अधूरा है तो प्रशासन और सरकार को संबंधित एजेंसियों और अधिकारियों पर कार्रवाई करना चाहिए।