Highlights

इंदौर

शास्त्रों में हर तरह के पितरों के मोक्ष का विधान, लेकिन भ्रूण हत्या जैसे महापाप से मुक्ति का कोई प्रावधान नहीं

  • 12 Sep 2022

हंसदास मठ पर चल रहे तर्पण अनुष्ठान में 500 से अधिक साधकों ने लिया भ्रूण हत्या नहीं करने का संकल्प
इंदौर। हमारे शास्त्रों में हर तरह के पितरों के लिए मोक्ष का विधान बताया गया है, लेकिन भ्रूण हत्या के माध्यम से हम जिन जीवों की मृत्यु करते या करवाते हैं, उनकी मुक्ति का कोई साधन शास्त्रों में नहीं बताया गया है। भ्रूण हत्या करना या कराना महापाप है। इससे बचने के लिए संकल्प करें कि न तो भ्रूण हत्या करेंगे, और न ही किसी को करने देंगे। यदि भूले से भी हमसे जाने-अनजाने में ऐसा पाप हो गया है तो भविष्य में किसी भी जीव की हत्या नहीं करने का संकल्प करेंगे तो असंतुष्ट आत्माएं तृप्त हो सकती है।
ये दिव्य विचार हैं भागवताचार्य पं. पवन तिवारी के, जो उन्होंने आज श्राद्ध पक्ष की दूज तिथि को बड़ा गणपति पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर श्रद्धा-सुमन सेवा समिति द्वारा आयोजित तर्पण अनुष्ठान के दौरान 500 से अधिक साधकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हंसदास मठ एक प्राचीन सिद्ध आश्रम है और नदी किनारे होने क साथ ही यहां भगवान श्री विष्णु, शालीग्राम, रणछोडज़ी, पंचमुखी हनुमान, राधाकृष्ण, राम दरबार, शिव परिवार एवं मां अनपूर्णा के मंदिर भी मौजूद हैं। ऐसे पवित्र स्थान पर पितरों के लिए तर्पण करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इसीलिए यह अनुष्ठान विश्व कीर्तिमान भी बना चुका है। समिति के अध्यक्ष मोहनलाल सोनी, संयोजक हरि अग्रवाल एवं राजेंद्र गर्ग ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में 25 सितंबर तक प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक 16 दिवसीय तर्पण अनुष्ठान होगा।   जिनके पितरों की तिथि ज्ञात नहीं है, वे सर्वपितृ अमावस्या पर शामिल हो सकते हैं।