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11 महीने के नाती को नानी ने किया किडनैप

  • 09 Mar 2023

15 साल बड़े प्रेमी के कहने पर रची थी साजिश; वारिस बनाना चाहता था
अनूपपुर ।   अनूपपुर जिले में एक नानी ने अपने 11 महीने के दुधमुंहे नाती को किडनैप कर लिया। उसने अपने प्रेमी के कहने पर इसकी साजिश रची थी। जिले के बच्चों की गुमशुदगी के मामले को लेकर पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान चलाया तो नानी पकड़ में आई। नानी ने ये साजिश क्यों और कैसे रची, पुलिस ने केस को कैसे सुलझाया, आपको पूरी कहानी बताते हैं। पहले ये जान लीजिए कि पुलिस ने अन्य 41 मामलों में भी लापता बच्चों की तलाश कर उनके परिजन से मिलाया है। इससे परिवार में एक बार फिर खुशियां लौट आई हैं।
बात इसी साल 2 फरवरी की है। अनूपपुर के पुरानी बस्ती कोतमा में रहने वाली रानू पनिका का 11 महीना का बेटा अचानक लापता हो गया। दो-तीन दिनों तक तलाशने के बाद रानू ने 5 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई। छानबीन में पता चला कि अपहरण करने वाला और कोई नहीं, बल्कि रानू की मां गुड्‌डीबाई है। वह अपने नाती को लेकर इंदौर चली गई है। पुलिस ने उसके मोबाइल की कॉल हिस्ट्री निकाली। इस नंबर के आधार पर इंदौर के एक पते पर पहुंची। उस पते पर गुड्डीबाई तो नहीं मिली, लेकिन एक दूसरी महिला मिली। उस महिला ने बताया कि वो आसाराम नाम के शख्स की पहली पत्नी है। गुड्‌डीबाई आसाराम के साथ ही रह रही है। उसने इंदौर का ही दूसरा पता बताया।
पुलिस जब इस पते पर पहुंची तो यहां भी गुड्‌डीबाई नहीं मिली, लेकिन पुलिस के हाथ आसाराम लग गया। पहले ताे वो गुड्‌डीबाई से संबंध से मना करता रहा, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि गुड्‌डीबाई बड़वानी में नाती के साथ रह रही है। एक हफ्ते पहले ही पुलिस ने बड़वानी जाकर दबिश दी तो नानी गुड्‌डीबाई और नाती दोनों मिल गए।
बेऔलाद प्रेमी की खातिर गुड्‌डी ने किया अपहरण
पूछताछ में गुड्डीबाई ने बताया कि आसाराम हलवाई उसका प्रेमी है। जब आसाराम कोतमा में रहता था, तभी उससे प्रेम हो गया। आसाराम की उम्र 60 साल है और उसकी उम्र 45 साल। जब आसाराम की औलाद नहीं हुई तो उसने गुड्‌डी से नाती का अपहरण करके ले आने को कहा, ताकि उसे पालकर वारिस बना सके। गुड्‌डी आसाराम की बातों में आ गई।
खेती के लिए बाल श्रम पर लगाया
ऑपरेशन मुस्कान के तहत ही एक 16 साल की लड़की को पुलिस ने सागर से बरामद किया था। उसे अनूपपुर जिले के एक गांव की ही लड़की के माध्यम से सागर जिले में खेती बाड़ी का काम करने के लिए ले गए थे। पुलिस ने उसी लड़की के मोबाइल लोकेशन से जानकारी हासिल की। उसे गुमराह कर बालश्रम में लगाने वाले तो पकड़ में नहीं आए, लेकिन पुलिस नाबालिग को सुरक्षित घर ले आई।