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इंदौर

200 साधकों ने ज्ञात-अज्ञात दिवंगतों सहित अपने पितरों का किया तर्पण

  • 15 Sep 2022

इंदौर। भगवान ने स्वयं कहा है कि तुम मुझे एक बार मत पूजो तो कोई बात नहीं पर अपने पितरों को पूजना मत भूलना। और इसी वजह से शास्त्रों में ये सोलह दिन अपने पितरों के प्रति श्रद्धा भाव प्रदर्शित करने के लिए ही तर्पण कार्य किया जाता है। इस कार्य में हमारे द्वारा जो जलांजलि दी जाती है उससे पितृ तृप्त होते हैं और हमसे प्रसन्न रहते हैं। हमारे अशांत मन को शांत करने का सरल माध्यम ही तर्पण है। उक्त विचार होलकर कालीन कृष्णपुरा छत्री पर आयोजित 16 दिवसीय सर्वधर्म सामूहिक तर्पण महोत्सव में बुधवार को तर्पणाचार्य पं. मनोज भार्गव ने सभी साधकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। बुधवार को कृष्णपुरा छत्री पर सैकड़ों साधकों के साथ ही दिव्यांग महिला ने भी तर्पण की विधियां साधु-संतों के सान्निध्य एवं विद्वान पंडि़तों के निर्देशन में संपन्न की। इन्दौर सेवा ट्रस्ट के संरक्षक एवं पूर्व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त पं. योगेंद्र महंत, आयोजक अनंत महंत ने बताया कि 16 दिवसीय सर्वधर्म सामूहिक तर्पण महोत्सव में बुधवार को आरती में पं. रामचन्द्र शर्मा वैदिक, राधे-राधे बाबा, सुरेश पाठक, गिरजेश तिवारी एवं पं. अशोक भट्ट शामिल हुए। वहीं बुधवार को 200 साधकों ने ज्ञात-अज्ञात दिवंगतों के साथ ही पितरों का तर्पण किया एवं मूक प्राणियों की आत्मा की शांति के लिए भी तर्पण की विधियां की गई। संरक्षक पं. योगेंद्र महंत ने तर्पणाचार्य पं. मनोज भार्गव का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन अशोक चतुवेर्दी ने किया एवं आभार अन्नू वाजपेयी ने माना।
प्रतिदिन होगा रूद्राभिषेक- आयोजक अनंत महंत ने बताया कि कृष्णपुरा छत्री पर आयोजित होने वाले इस 16 दिवसीय सर्वधर्म सामूहिक तर्पण महोत्सव के दौरान पितृ शांति एवं मोक्ष हेतु श्रीमद् भागवत कथा का मूल पाठ एवं भगवान शिव का रूद्राभिषेक नित्य यजमान के संकल्प द्वारा किए जाने की व्यवस्था भी की गई है। प्रात: 7.30 से 10 बजे तक आयोजित होने वाले इस 16 दिवसीय तर्पण महोत्सव के लिए पूर्व भगवान शिव का रूद्राभिषेक विद्वान पंडि़तों के सानिध्य में संपन्न कराया जा रहा है।