इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के टीचिंग विभागों के यूजी व इंटीग्रेटेड कोर्सेस के लिए हुई सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) का रिजल्ट आने के दो सप्ताह बाद भी एनटीए ने डेटा अब तक नहीं भेजा है। इसके कारण देवी अहिल्या विश्व विद्यालय में 7 अक्टूबर से प्रस्तावित काउंसलिंग रद्द करना पड़ी।
अब नई तारीख कब आएगी और काउंसलिंग कब होगी, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। क्योंकि जो डेटा एनटीए को रिजल्ट आने के चौथे दिन यानी 19 सितंबर तक भेजना था, वह अब तक नहीं आया है। अब एनटीए ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से कह दिया है कि डेटा शनिवार या उसके बाद ही भेजा जाएगा।
यदि डेटा आने में और देरी हुई तो काउंसलिंग दिवाली बाद शुरू हो पाएगी। अगर ऐसा हुआ तो नया सत्र 10 नवंबर से पहले शुरू नहीं हो पाएगा। जानकारों के अनुसार यदि डेटा 1 अक्टूबर तक आता है तो रजिस्ट्रेशन 2 या 3 अक्टूबर से ही शुरू होने की संभावना बनेगी।
अब आगे क्या?
डेटा आने के बाद पांच दिन के भीतर यूनिवर्सिटी अलग-अलग कैटेगिरी के अनुसार मेरिट लिस्ट तैयार करेगी। इसमें नेशनल रैंकिंग, स्टेट रैंक और जनरल, एससी, एसटी और ओबीसी के साथ फीमेल रैंकिंग जारी होगी। उसी आधार पर विद्यार्थियों को पता चलेगा कि उसे अपने पसंदीदा कोर्स में एडमिशन मिलने के कितने फीसदी आसार हैं। डीएवीवी में सीयूईटी प्रभारी डॉ. कन्हैया आहूजा का कहना है कि शनिवार शाम तक डेटा मिलने की उम्मीद है। फिर तीन से चार दिन में मेरिट तैयार कर लेंगे। उसके बाद हम मेरिट और रैंक तैयार कर एमपी ऑनलाइन को उपलब्ध करवाएंगे। हमारा प्रयास होगा कि काउंसलिंग 13 या 14 अक्टूबर से शुरू कर दी जाए।
काउंसलिंग के रजिस्ट्रेशन कब से?
पहले 25 सितंबर से काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू करने की बात कही गई थी। अब अगर डेटा 1 अक्टूबर तक आता है तो रजिस्ट्रेशन 2 या 3 अक्टूबर से आरंभ हो सकते हैं। इसके लिए कम से कम छात्रों को सात दिन का समय देना होगा। यानी 11 तारीख तक रजिस्ट्रेशन होंगे। चूंकि बड़ी संख्या में छात्र अन्य राज्यों से भी आएंगे, इसलिए उन्हें कम से कम तीन दिन का समय टिकट बुकिंग व तैयारी के लिए दिया जाएगा।
9 हजार विद्यार्थियों को कैटेगरी रैंकिंग से उम्मीद, पर सीटें सिर्फ 1520
यूजी के लिए कुल 79 हजार छात्र परीक्षा में बैठे थे। इनमें 9 हजार ऐसे, जिन्हें कैटेगिरी रैंकिंग से सीट मिलने की उम्मीद, लेकिन 34 कोर्स में सीटें सिर्फ 1520 हैं। यानी बाकी को बाहर होना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में बचे हुए साढ़े सात हजार छात्रों के सामने चुनौती ज्यादा बड़ी होगी कि वे एक साल का ड्रॉप लें या यदि उन्होंने किसी कॉलेज के परंपरागत कोर्स में प्रवेश लिया है तो वहां पढ़ाई जारी रखें। छात्रों को नुकसान यह भी है कि उनका सत्र तीन माह लेट शुरू होगा। हर साल यूटीडी में 1 से 16 अगस्त के बीच नया सत्र शुरू हो जाता है। इस बार यह सत्र 1 नवंबर के बीच आरंभ होने की संभावना है।
प्रतिस्पर्धा कड़ी, पर डिमांड इतनी कि एक भी सीट खाली नहीं रहेगी
जानकारों का कहना है कि हर बार की तरह इस बार भी डिमांड में एमबीए एमएस, बीकॉम ऑनर्स और बीए एलएलबी टॉप पर रहेंगे, लेकिन डिमांड इतनी ज्यादा है कि कोई भी कोर्स की सीट खाली नहीं रहेगी। यही वजह है कि इस बार उन कोर्स की भी भारी मांग हो सकती है जिनकी सीटें पिछले साल तक बहुत मुश्किल से भर पाती थीं। इस बार बीकॉम एटीएम, बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, बीए मास कम्युनिकेशन, बीएससी ऑनर्स, बीए ऑनर्स, बीसीए जैसे डिमांड वाले कोर्स के साथ ही कई ऐसे कोर्स की भी सीटें भर जाएंगी, जिनकी डिमांग हर साल कम होती थी।
इंदौर
7 से होने वाली यूजी काउंसलिंग निरस्त, 79 हजार छात्र अधर में
- 29 Sep 2022