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90 प्रतिशत तक नष्ट कर सकती हैं गुर्दे की पथरी को ध्वनि तरंगें

  • 28 Mar 2022

अब गुर्दे की पथरी से मरीजों को निजात दिलाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया है। इस तकनीक के इस्तेमाल से अब पथरी निकालने के लिए मरीज का ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एक नए अध्ययन में पता चला है कि  ध्वनि तरंगों के जरिए गुर्दे की पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जा सकता है। वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि बर्स्ट वेव  लिथोट्रिप्सी (बीडब्ल्यूएल) तकनीक गुर्दे की पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर सकती थी, जिससे पेशाब के जरिए उसे आसानी से बाहर निकला जा सकता था।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस उपचार में सिर्फ 10 मिनट का समय लगता है। उपचार के दौरान इस तकनीक के जरिए किडनी में मौजूद पथरी को बिल्कुल महीन कर दिया जाता। शोधकर्ताओं ने कहा कि गुर्दे की पथरी से जूझ रहे मरीज को बहुत ज्यादा दर्द होता है। इसलिए यह तकनीक अब मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। 
‘बीडब्ल्यूएल’ प्रक्रिया के तहत पथरी के किए छोटे टुकड़े
‘जर्नल ऑफ यूरोलॉजी’ में प्रकाशित शोध में यह जानकारी दी गई है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने ऐसे 19 लोगों को शामिल किया, जो गुर्दे की पथरी से पीड़ित थे। उन्होंने ‘बीडब्ल्यूएल’ प्रक्रिया के तहत गुर्दे की पथरी पर ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया, जिससे पथरी के छोटे-छोटे टुकड़े हो गए।
शोधकर्ताओं ने बताया- इस प्रक्रिया में मरीजों को दर्द भी नहीं हुआ और यह सर्जरी से कहीं अधिक आसान था। शोध के दौरान 19 मरीजों में 25 गुर्दे की पथरी थी और सभी का दस मिनट तक ‘बीडब्ल्यूएल’ प्रक्रिया के तहत इलाज किया गया। उपचार के दौरान इस प्रक्रिया के जरिए 90 प्रतिशत पथरी को तोड़ दिया गया और उनमें से 40 प्रतिशत पथरी पूरी तरह से टूट गई थीं। 
गेमचेंजर साबित हो सकती है यह उपचार प्रणाली
शोध में पाया गया कि पत्थरों के शेष टुकड़े इतने छोटे थे कि मरीज इन पत्थरों को असानी से यूरीन के जरिए निकाल सकते थे। साथ ही इस इलाज से मरीजों में किसी तरह का दुष्प्रभाव भी नहीं पाया गया। उपचार के दौरान सिर्फ मरीजों के छोटे ऊतकों को हल्की चोट पहुंची।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में बताया कि अगर मरीजों के इलाज के लिए इस प्रक्रिया को बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है, तो यह उपचार प्रणाली गुर्दे की पथरी के इलाज में गेमचेंजर साबित हो सकती है। अध्ययन में बताया गया कि लगभग 10 प्रतिशत अमेरिकी हर साल गुर्दे की पथरी से पीड़ित होते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को सालाना लगभग 10 अरब डॉलर का नुकसान होता है।
ऐसे लोगों में गुर्दे की पथरी होने का जोखिम अधिक
गुर्दे की पथरी तब बनती है, जब किसी व्यक्ति में खनिजों का जमाव होने लगता है और वह इकट्ठा होते-होते कठोर हो जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए इसे शरीर से बाहर निकालने की आवश्यकता होती है, लेकिन यह एक अत्यंत दर्दभरी और कठिन प्रक्रिया होती है। जो लोग अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होते हैं, और हर रोज पर्याप्त पानी नहीं पीते या खराब आहार विकल्प चुनते हैं, ऐसे लोगों में पथरी होने का जोखिम अधिक रहता है।  
लिथोट्रिप्सी मशीन से ऐसे होगा पथरी का उपचार 
लिथोट्रिप्सी मशीन उच्च दबाव वाली ध्वनि तरंगों को मरीज के शरीर में भेजती है। शॉक वेव (ध्वनि तरंगों) से पथरी पर फोकस किया जाता है। फिर पत्थरी को तोड़ने के लिए उस पर तरंगों के माध्यम से फोकस किया जाएगा। इसके बाद उसी स्थान पर 1 से 2 हजार शॉक वेब के जरिए वार किए जाते हैं।
ध्वनि तरंगों की चोट से पथरी महीन टुकड़ों में टूट जाती है। इसके बाद पथरी के इन महीन टुकड़ों को पेशाब के जरिए बाहर निकाला जा सकता है। इस मशीन से किडनी में मौजूद पथरी को तोड़ने की पूरी प्रक्रिया में 10 मिनट का समय लगता है। मरीज को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती।  
साभार लाइव हिन्दुस्तान