भैया जी बात ऐसी नही है दरअसल सारी चिकित्सा प्रणालियां समाज मे सम्मानित है बल्कि सरकार से भी पोषित है और सारे बड़े हॉस्पिटल में सारे डॉक्टर्स योग प्राणायाम की सलाह भी इलाज के साथ साथ करते है कोरोना में भी जिसने इसका प्रयोग किया फायदा अवश्य हुआ होगा और पूरे देश के डॉक्टर्स जब इस कोरोना से लड़ने की मुहिम पर एक सैनिक की तरह जंग लड़ रहे है और उनमें से जो वैक्सीन रूपी हथियार होते हुए भी शहीद हो गए तो जंग में शहीद तो होते ही है अब इस बात को हम हंसी में उड़ा कर कह दे कि हथियारबंद सेना में अगर सैनिक मरता है तो किस काम के हथियार और किस काम की सेना हमारे तो धनुष बाण ही ठीक थे क्या रफाल का काम , क्या F 16 का काम ये बिल्कुल वैसा स्टेटमेंट था इसलिये एक तरफ का गुस्सा बढ़ गया जब एक तरफ से हुआ तो आपको तो पता है अभी तो लोक डाउन में लोग एकदम फ्री है घरों में जिओ का डेटा थोक में है ही बाकी सभी प्रणालियां अपनी जगह सही है
बीमार न हो इसके लिए आयुर्वेद
बीमार हो जाओ तो होमेओपेथी , एलोपैथी , यूनानी और नेचुरोपैथी सभी यथायोग्य प्रयोग करते ही है
अब इंस्टेंट का ज़माना है तो एलोपैथी ज्यादा प्रयोग में होती है बस बात इतनी सी ही है
डॉक्टर हमारे सैनिक है
आयुर्वेद हमें लड़ाई में जाने से बचाता है ज़रूरी दोनो ही है
विवाद तात्कालिक है हफ्ते भर में भूल जाएंगे लोग ....!
जनता कहिन
" बाबा रामदेव और डॉक्टर्स के विवाद पर "
- 01 Jun 2021