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चिंतन और संवाद

चाणक्य कहते है - भोजन के योग्य पदार्थ...

  • 04 Nov 2019

भोजन के योग्य पदार्थ और भोजन करने की क्षमता,

सुन्दर स्त्री और उसे भोगने के लिए काम शक्ति,

पर्याप्त धनराशी तथा दान देने की भावना 

ऐसे संयोगों का होना सामान्य तप का फल नहीं है।