एक म्यान में एक तलवार रहती है उसी प्रकार एक जेल में एक जेल सुपरिटेंडेंट होता है। आज की तारीख में सेन्ट्रल जेल उज्जैन में तीन जेल सुपरिटेंडेंट पोस्ट कर दिए गए हैं। न जाने ऐसा निर्णय कौन ले रहा है यह तो सरकार ही को पता होगा। लेकिन जब इस प्रकार के अफलातूनी और तुगलकी निर्णय होंगे तो कुछ जानकारों का मानना है कि जो कुछ भी उज्जैन जेल में घटा है वह अप्रत्याशित नहीं है लेकिन यह मुमकिन प्रतीत होता है कि किसी छोटे पद के कर्मचारी की शामत आने ही वाली है। वैसे भी कहावत है कि - - समरथ को न दोष गोसाई। इंतज़ार करिए कि किसकी या कितनों की बलि लेगी यह दुर्भाग्य पूर्ण घटना। भगवान मध्य प्रदेश जेल विभाग की रक्षा करे यही प्रार्थना परम पिता परमेश्वर से की जा सकती है।
इन तीन जेल सुपरिटेंडेंट में एक वो हैं जिनकी जेल से नियम विरूद्ध एक बलात्कारी बंदी को फरार करवा देने के आरोप में सस्पेंड किया गया और फिर आठ - दस दिन में बहाल करके उज्जैन जेल पर बंदियों की संपूर्ण सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया और एक ऐसे सुपरिटेंडेंट जेल हैं जिनकी जेल से चार बंदी रात में जेल की सलाखों को तोड़ कर भाग गए। क्या आप इसे कमाल मानेगें या नहीं आप स्वयं निर्णय करें।
जनता कहिन
सेंट्रलजेल उज्जैन में तीन जेल सुपरिडेंट.. कमाल का सरकारी तुगलकी निर्णय ..!
- 08 Nov 2020