श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी
मुख्यमंत्री,मध्यप्रदेश शासन,
नमस्कार,
आपकी उपस्थित मे आज कोरोना समीक्षा बैठक इंदौर मे संपन्न हुई जिसमें इंदौर के संक्रमण रेशो को देखते हुए सख्ती से जनताकर्फ्यू को पालन करने के की बात कही थी जो सही भी है।
परंतु अभी इंदौर कलेक्टर द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें सब्जीमंडी,फलमंडी एवं किराने की दुकानों को तत्काल आज से ही बंद करने के निर्देश जारी हुए हैं जो दिनांक 28 मई तक लागू करने की बात कही गई है।
मेरा आपसे आग्रह है कि चूंकि किसानों व व्यापारियो द्वारा मंडियो में सब्जियां व फल गोदामों में रखे होते हैं एवं आवक में भी होते हैं निश्चित रूप से उस माल को निकालने के लिए कम से कम 10 से 12 घंटे का समय उनको देना उचित होगा। जिससे उनके माल का नुकसान,आर्थिक हानि न हो व मानसिक असंतोष भी ना उपजे,ऐसा मेरा विचार है।
उपरोक्त विषय में आप आवश्यक कदम उठाने के निर्देश जारी करने का कष्ट करें।
कृष्णमुरारी मोघे
पूर्व सांसद
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*वरिष्ठ पत्रकार साथी श्री लवीन राव ओव्हाल ने दिखाया शासन प्रशासन को आईना *
बंद करो ये प्रयोग, मत करो बगावत पर मजबूर
लगता है कि कुछ लोग चाहते है कि जनता विद्रोह करें। लेकिन याद रखना यदि विद्रोह होता है तो उसमें जिम्मेदारी उन लोगों की भी होगी जो जनता के प्रतिनिधि बनकर भी अफसरों के आगे मौन है। क्या है कि हमने चुना ही गूंगी गुड़िया को था, इसलिए तो रातोंरात फैसले हो रहे कि कौन भरे पेट सोयेगा और कौन भूखे पेट।
शहर से लेकर गांव तक मौत का तांडव हर घर ने देखा है। हर कोई जानता है कि इस महामारी का अंजाम क्या है। कोई अपनी मर्जी से घर से बाहर नहीं निकलना चाहता, मजबूरी में ही निकला है। सबूत चाहिए तो उन 7 हजार लोगों से पूछ लेना जिन्हें 24 घण्टे हिरासत में रखा था। डेढ़ महीने में गिनती के लोग कथित रूप से लापरवाही करते मिले लेकिन उसकी सजा पूरे शहर को क्यों?
मामाजी अब आपसे निवेदन है कि अपने सपनों के शहर की सुध लेना बंद कर दो। यदि आपकी सुध लेने से शहर के लोगों के लिए 2 वक्त की रोटी की जुगाड़ भी मुश्किल है तो फिर हम बेसहारा ही अच्छे हैं। अब तक भी जी ही रहे थे। शहर में 5 लाख लोग ऐसे भी है जो रोज कमाने-खाने वाले हैं। राशन दुकान कितनी राहत देती है, यह आप भी अच्छे से जानते हो। अब काम करके ही कोरोना से लड़ना पड़ेगा। क्योंकि अब काम नहीं किया तो कोरोना से बाद में, पहले भूख से मर जाएंगे।
कभी कहते हो लॉकडाउन से कुछ नहीं होगा, कभी कहते हो लॉकडाउन से चैन टूटेगी। पहले तय कर लो करना क्या है। कब तक इंदौर को प्रयोगशाला बनाकर रखोगे। तुम्हारे चैन तोड़ने के चक्कर में कहीं सांसों की डोर ना टूट जाए।
हर घर शोक और दहशत का शिकार है। अब घर बैठ कर कब तक मातम मनाएंगे। कभी ना कभी तो घर से बाहर निकलना ही पड़ेगा।
बस, अब इतना मजबूर मत करो कि मजबूरी के बजाय विद्रोह करके घर से बाहर निकलना पड़े। क्योंकि अब सहनशीलता खत्म हो रही है। इंदौर के लोग सहिष्णु है, शिष्ट है, नंबर 1 है लेकिन बगावत पर उतर आए तो जेलें छोटी पड़ जाएगी। इंदौर को प्रयोगशाला बनाना बंद कर दो, 10-15 लोग मिलकर जनता की भूख का फैसला लेना बंद कर दो।
- लवीन राव ओव्हाल
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आप इंदौर क्या फल सब्जी किराना बंद करने की सलाह देने आए थे??
मामा आप आए ही थे "सरकार" तो कुछ अस्पतालों का दौरा कर लेते
कुछ मरीजों के परिजनों से मुलाकात कर लेते
कुछ एंटी फंगल इंजेक्शनों की व्यवस्था केसे होगी इस पर रोशनी डाल जाते
गरीब का चूल्हा केसे जलेगा इसकी कुछ और व्यवस्था कर जाते
जो नही रहे उनके बच्चो से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना ही दे जाते
बड़ा हुआ सो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर..
ऐसे ही निर्णयो और हमारे इंदौर शहर के जन प्रतिनिधियो की गुटबाजी व खामोशी से जनता मे सरकार और भाजपा के प्रति अविश्वास बड़ रहा है। जनता में यह शंका घर कर रही है कि न जाने कब ये शकुनि कंस मामा नगर निगम के चुनाव के बाद सम्पति कर दुगना न कर दे
मामा ठहरे शकुनि अयोध्या (भाजपा के गढ़)को ढहाने की कोई कसर न बाकी रह जाये वो भी इंदौर आकर पूरी कर गये
मामा ने फिर सिद्ध कर दिया वे मामा कंस ही होते है भला ये सब इंसानियत कहा से दिखाएंगे ???
इंदौर अनाथ हो गया है क्या
कहाँ है इंदौर के दमदार जनप्रतिनिधि शंकर भैया,दादा, दीदी, भाभी, बाबा!
कहां है विपक्ष के दमदार नेता संजू भैया,जीतू भैया, पटेल साहब !
क्या हमेशा सत्य की बात सत्यनारायण सत्तन, कृष्णमुरारी मोघे कैलाश विजयवर्गीय ही करेंगे।
क्या आप की कोई जवाबदारी नहीं है।
क्या एकदम से आदेश निकाल देना ठीक है।
फल सब्जी 24 घंटे में खराब हो जाती है।
आप मात्र फल सब्जी वालों को 24 घंटे का समय देदो।
आप किसी की मदद तो नहीं कर पा रहे हो जबरन किसी का नुकसान मत करो।
एक सामान्य ठेलेवाला भी ₹5000 की सब्जी फल खरीद कर रखता है।
उसका क्या होगा विचार कीजिए
जनता से अनुरोध है सोशल मीडिया पर इस मांग को उठाएं
अप्रत्यक्ष रूप से आप एक गरीब ठेले वाले के परिवार की कम से कम ₹5000 की मदद कर देगे।
विशेष :- मुख्यमंत्रीजी आज का अखबार पढ़ा कल सैकड़ों लोग आपसे मिलकर मदद मांगने आए थे किसी एक को आप से मदद तो नहीं मिली
लेकिन हां लगभग एक लाख ठेले वालों के काम जरूर लग गए।
इंदौरी लाल
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कलेक्टर मनीष सिंह के आदेश से शहर में पैदा हुआ संकट
हाईकोर्ट वकील ने पत्र लिख आदेश में संशोधन करने की रखी मांग
नहीं बदल आदेश तो कोर्ट से मांगेंगे लाखों लोगों के लिए न्याय
शहर में कई लोगों के भूखे मरने की नोबत, न ताजी सब्जी न मिलेगें फल कोरोना के मरीज कैसे बढ़ाएंगे रोग प्रतिरोधक क्षमता
संपर्क
चंचल गुप्ता
हाईकोर्ट एडव्होकेट
9302100010
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राजनेता , एडवोकेट , पत्रकार और अन्य भी अपने-अपने स्तर पर कर रहे सख्त लॉकडाउन के खिलाफ ऐतराज ..!!!
(सोशल मीडिया से ‘जैसा प्राप्त हुआ वैसा ही’ प्रकाशित साभार सहित)