आत्मदाह का प्रयास करने वाले की मौत
इंदौर। समीपस्थ महू तहसील मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सिमरोल राजस्व टप्पा में अतिक्रमण तोडऩे और पुलिस विवाद के चलते आत्मदाह करने वाले व्यक्ति भवंर सिंह की इलाज के दौरान इंदौर में मौत हो गई। जिसको देखते हुए आसपास के 5 थानों का पुलिस बल सिमरोल थाने पर पहुंचाया गया।
18 सितंबर को सिमरोल के पास हाइवे निर्माण के दौरान अतिक्रमण तोडऩे की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान आक्रोशित भंवरसिह व उसके परिवार ने पुलिस से विवाद किया था। इस दौरान भवरसिंह ने खुद पर ज्वलशील पदार्थ डाल कर आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसे इलाज के लिए एमवायर रेफर किया गया था। जिसकी बुधवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। गौरतलब है कि भवरसिंह के परिजनो ने पुलिस पर विवाद कर जलाने का आरोप लगाया था। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने पांच लोगों पर तोडफ़ोड़, मारपीट और शासकीय कार्य में बाधा डालने के लिए केस दर्ज किया है। दोपहर बाद भवरसिंह का शव उसके घर पहुंचा और बाद मे उसका अंतिम संस्कार किया गया ।
रविवार रात सिमरोल 5 महुआ क्षेत्र में हुए विवाद के बाद अरविंदो अस्पताल में भर्ती भवरसिंह ने गुरुवार अलसुबह अस्पताल मे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।वही पुष्पेंद्र का इलाज अब भी जारी है।भवरसिंह की मौत की खबर सुनते ही सिमरोल थाना क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया सुबह से ही थाना क्षेत्र में 5थानों के अतिरिक्त पुलिस बल के साथ ही एडिशनल एसपी शशिकांत कनकने ने मोर्चा संभाल रखा था ।वही दोपहर करीब 3 बजे शव को पोस्टमार्टम करवा कर जिला अस्पताल से लाया गया शव,परिजनों ने मुख्य खंडवा रोड जाम करते हुए अर्थी सड़क पर रख प्रशासन से दोषी लोगो ओर पुलिस कर्मियों पर कारवाई की मांग करते हुए ज्ञापन सोपा। जिसमे आरोपियों के मकान गुंडा एक्ट के तहत तोडऩे की मांग की गई,परिवार जनों का कहना था जब तक मकान नही टूटेंगे तब तक दाह संस्कार नही होगा,मौके की नजाकत को समझते हुए एसडीएम अक्क्षत जेन ने आश्वासन देते हुए जांच कर कार्यवाही का भरोसा दिलाया। परिवारजन त्वरित कार्यवाही पर अड़े थे तब मौजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव ने मध्यस्ता करते हुए सभी को समझाया और प्रशासन पर हर पहलू से जांच का निवेदन किया तब जाकर कही आधे घंटे बाद जाम खुल पाया।
रविवार की रात हुआ था विवाद
मृतक भवरसिंह और लेखराज का जमीन को लेकर विवाद चल रहा था 14 सितंबर की शाम भी दोनो पक्षों में विवाद हुआ था लेखराज व उसके साथियों ने जेसीबी से भवरसिंह को किराए पर दी जमीन पर बनी गुमटी व टीन शेड हटा दिया था तभी से ये विवाद थामने का नाम नही ले रहा था।वही 18 सितंबर रविवार को लेखराज द्वारा उसी जमीन पर देर रात को गिट्टी का डंपर भिजवाया गया जिसे खाली करते समय पुलिस व भवरसिंह के बीच विवाद हो गया था । कुछ देर बाद भंवरसिंह ने पैट्रोल डालकर आग लगा ली हालाकि परिवार जनों का कहना है की पुलिस और लेखराज ने मिलकर भंवरसिंह को जला दिया।वही ड्यूटी पर मौजूद सहायक उप निरीक्षक बिहारी सांवले जिन्होंने महिलाओं के साथ मारपीट की थी को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया था ।वही लेखराज समेत 3 अन्य लोगो पर धारा 307 में केस दर्ज किया गया था,जो भवरसिंह की मौत के बाद धारा 302 में तब्दील हो गया है पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
1 लाख 61 हजार में हुआ था सौदा
विवादित जमीन लेखराज के मामाजी की थी, जिसको भवरसिंह को किराए पर दी थी,मामाजी की मृत्यु के बाद लेखराज ने जमीन खाली करने के लिए भवरसिंह को कहा तो भवरसिंह ने निर्माण और टीन शेड का मूल्यांकन कर पैसे देने की मांग की थी । बताया जाता हैं दोनो का सौदा एक लाख इकसठ हजार में पटा था । लेखराज ने भंवरसिंह को पैसे देकर लिखा पड़ी भी करवा ली ,बाद उसके भी जगह खाली नही हुई तो विवाद इतना बड़ा होता गया।
इंदौर
अर्थी रखकर खंडवा रोड किया जाम, हाईवे निर्माण के लिए अतिक्रमण हटाने की कारवाई के दौरान, पुलिस से विवाद के दौरान पेट्रोल डालकर
- 23 Sep 2022