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एशियाड में 3 स्वर्ण जीतने वालीं पुवम्मा पर तीन माह का प्रतिबंध

  • 30 Jun 2022

नई दिल्ली। एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली देश की शीर्ष 400 मीटर एथलीटों में शुमार रहीं एमआर पुवम्मा पर तीन माह का प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्हें कोरोना से बचाव को शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा पीना महंगा पड़ गया। इस काढ़े में वाडा की स्पेसिफाइड सब्सटेंस की सूची में शामिल प्रतिबंधित मिथाइल हेक्सानियामाइन (एमएचए) पाया गया।
हालांकि नाडा के सुनवाई पैनल के समक्ष अर्जुन अवार्डी पुवम्मा ने यह साबित कर दिया कि उन्होंने प्रतिबंधित दवा का सेवन जानबूझकर नहीं किया है। सुनवाई पैनल ने भी उन्हें राहत प्रदान करते हुए चार साल के बजाय तीन माह का प्रतिबंध लगाया। उन पर प्रतिबंध फैसले की तिथि 16 जून से लागू होगा।
पुवम्मा का सैंपल नाडा ने 18 फरवरी 2021 को एनआईएस पटियाला में हुुई इंडियन ग्रांप्री के दौरान लिया था। बेल्जियम की डो को लैब में कराई गई टेस्टिंग में उनके सैंपल में पांच मार्च 2021 को एमएचए पाया गया। 22 अप्रैल को पुवम्मा ने बी सैंपल कराया, जिसका तीन मई को समान परिणाम आया।
स्पेसिफाइड सब्सटेंस होने के कारण उन पर अस्थाई प्रतिबंध नहीं लगा और वह इस दौरान लगातार कंपटीशनों में हिस्सा लेती रहीं। 10 जनवरी 2022 को पहली बार नाडा के समक्ष उनके केस की सुनवाई हुई।
पुवम्मा ने विनीत ढांढा की अगुवाई वाले पैनल को बताया कि उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एक कंपनी का काढ़ा पिया था, जिसमें अश्वगंधा, जायफल, दालचीनी जैसी चीजें शामिल थीं।
साथ ही शिविर में शामिल रिकवरी एक्सपर्ट आंद्रेई फिलिमिनोव ने उन्हें एक नेसल ड्रॉप भी दिया था, लेकिन सैंपल देते वक्त उन्होंने डोप कंट्रोल फॉर्म पर इनका जिक्र नहीं किया। उन्हें लगा ये आम चीजें हैं। काढ़े का उन्होंने नोएडा स्थित एक लैब से टेस्ट कराया, जिसमें एमएचए का मेटाबोलाइट माइरसिन पाया गया, जो जिरेनियम पौधे से निकाला गया था।
इस रिपोर्ट के आधार पर पैनल ने यह मान लिया कि पुवम्मा ने जानबूझकर दवाएं नहीं ली हैं। साथ ही उनके पहले हुए तकरीबन 100 डोप सैंपलों का हवाला देकर वाडा के नियम 10.6 का हवाला देते हुए उन्हें जानबूझकर दवाओं के सेवन का दोषी नहीं माना। लेकिन डोप कंट्रोल फॉर्म पर काढ़े और नेसल ड्रॉप का नाम नहीं लिखने का दोषी करार देते हुए तीन माह का प्रतिबंध लगा दिया।
साभार अमर उजाला