इंदौर। पीथमपुर औद्यौगिक क्षेत्र में जमीन के अधिग्रहण व मुआवजे की खामियों का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान अपनी जमीन के औद्योगिक विकास में जाने के बाद मुआवजे के लिए परेशान हो रहा हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री तक से इसकी शिकायत की लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है।
ताजा मामला खेड़ा ग्राम का सामने आया है, जहां औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर 4 के लिए साल 1997 के आज पास जमीन अधिग्रहण किया था। इसका मुआवजा 60 हजार रुपए बीघा के आस पास तय किया था, जिसकी राशि 2013 में किसानों को बांटने अधिकारी आए। किसानों ने चेक लेने से मना कर दिया था। किसानों की मांग थी कि जमीन का तत्कालीन मूल्य से मुआवजा दिया जाए। किसानों ने मुख्यमंत्री तक शिकायत की, लेकिन आज तक किसानों को राहत नहीं मिली है।
देवगिरी गोस्वामी किसान ने आरोप लगाया कि नए बने कारखाने को जमीन आवंटन में मेरे खेत में करीब 30 फीट अंदर तक निशान लगा दिया है, जो गलत है। हम सब खेड़ा के किसान इसका विरोध करने इकट्?ठा हुए हैं। वहीं पर पहुंचे पटवारी व अधिकारियों ने कहा कि किसान की एक इंच भी जमीन हम नहीं लेंगे। हमने राजस्व विभाग के तहसीलदार, पटवारी को बुलाया है, जिससे जमीन की सही नपती हो सके।
समर्थन मूल्य पर फसल बेचना हो रहा मुश्किल
किसानों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के बाद बिना मुआवजा दिए हमारे नाम खसरा खतौनी से काट दिए गए है, जिससे हमें सरकार की किसी भी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। खेतों में पानी की मोटर के लिए बिजली तक हमें नहीं मिल रही है। शासन की योजना के तहत खाद, बीज व अन्य सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है। हम जैसे तैसे फसल उगा भी लें तो समर्थन मूल्य पर फसल बेचना मुश्किल हो रहा है।
इंदौर
औद्यौगिक क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण का मामला, मुआवजे की कमियों से किसान परेशान
- 29 Sep 2022