एमएसएमई में रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए वरदान होगा
इंदौर। ऐसे व्यापारी जिनका पूंजी निवेश दस करोड़ से कम एवं टर्न ओवर पच्चास करोड़ से कम है एवं जो एमएसएमई के रूप में रजिस्टर्ड हैे उनके हित में इस बजट में बहुत ही महत्वपूर्ण प्रस्ताव किया गया है ेआयकर की धारा 43 बी में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार ऐसे व्यापारी को देय राशि का भुगतान नियत समय पर करने पर ही भुगतान करने वाले व्यक्ति को भुगतान की गयी राशि की छूट इन्कम टेक्स के रिटर्न में प्राप्त होगी । फलस्वरूप समय पर भुगतान नहीं करने वाले व्यापारी का आयकर दायित्व बढ़ जायेगा ेउक्त प्रस्ताव से एमएसएमई में रजिस्टर्ड व्यापारियों को व्यापारिक भुगतान समय पर मिलने लगेगा, एमएसएमई के पास कैश फ्लो रहेगा, फलस्वरूप उनको कम पूंजी की आवश्यकता रहेगी एवं ब्याज के भार में भी कमी आयेगी । यह प्रस्ताव एमएसएमईमें रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए वरदान सिद्ध होगा।
व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिये रू. सात लाख की बड़ी हुई छूट सभी करदाताओं पर लागू नहीं
वित्तमंत्री द्वारा दो वर्ष पूर्व इन्कम टेक्स में नई स्कीम लागू की गई थी , इस बजट में उसे आकर्षक बनाने का प्रयास किया गया है ेवित्तमंत्री द्वारा बजट में व्यक्तिगत करदाताओं के लिए कर योग्य आय रू. सात लाख तक होने पर आयकर के दायित्व से मुक्त रखने सम्बन्धी प्रस्ताव केवल उन्ही करदाताओं को मिलेगा जो आयकर की नई स्कीम का विकल्प चुनते है। परन्तु ऐसे करदाताओं को आयकर की विभिन्न धाराओं में मिलने वाली छूटो का लाभ नहीं मिलेगा। जैसे - जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ , मेडीक्लेम की प्रीमियम आदि। आयकर में पुरानी स्कीम का विकल्प चुनने वाले व्यक्तियों के लिए आयकर की न्यूनतम छूट सीमा एवं टेक्स स्लेब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है े अत: ऐसे करदाताओं की करयोग्य आय रू. पांच लाख से कम होने पर ही उन्हें आयकर के दायित्व से मुक्ति मिलेगी। उन्हें बढ़ी गई रू. सात लाख की लिमिट का फायदा नहीं मिलेगा। परन्तु ऐसे करदाता जो जीवन बीमा प्रीमियम , पीपीएफ , मेडिक्लेम , होम लोन के मूलधन एवं ब्याज की छूट लेते है उन्हें पुरानी स्कीम भी अधिक लाभप्रद हो सकती है ।
प्रिजमटीव स्कीम की सीमा में वृद्धि का लाभ नगद प्राप्तियों पर नहीं
आयकर अधिनियम की धारा 44 ए.डी एवं 44 ए.डी .ए की प्रिजमटीव स्कीम के अंतर्गत आने वाले व्यापारियों के लिए दो करोड़ की लिमिट को बढ़ाकर तीन करोड़ रु एवं प्रोफेशनल्स के लिए वत्र्तमान मे निर्धारित लिमिट रु पचास लाख से बढ़ाकर पछत्तर लाख करने का स्वागत योग्य प्रस्ताव है। बढ़ी हुई लिमिट का लाभ लेने के लिए आवयशक है की ऐसे व्यक्तियों की कुल प्राप्तियों मे नगद प्राप्ति पांच प्रतिशत से अधिक नहीं हो।
इंदौर
केंद्रीय बजट पर सीए.गोविन्द अग्रवाल की प्रतिक्रिया
- 02 Feb 2023