नई दिल्ली । कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज 12वें दिन भी दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए हैं लेकिन सरकार की ओर से कानूनों को वापिस लिए जाने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। किसान भी पीछे हटने को तैयार नहीं। दिल्ली की सीमा पर तो हालात और भी खराब हो गए हैं। ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि नेशनल हाईवे-24 पर गाजियाबाद से दिल्ली का ट्रैफिक आंदोलन के चलते बंद रहेगा। वहीं दिल्ली में घुसने के लिए लोगों को अप्सरा या भोपुरा या डीएनडी से सफर करने की सलाह है। नोएडा से दिल्ली आने वाले नोएडा लिंक रोड से सफर न करें क्योंकि इस सड़क पर किसान जमे हुए हैं।
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के जमावड़े के चलते टिकरी, झारोदा बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। इधर हरियाणा के लिए दौराला, धनसा, राजोकरी एनएच-8, कापसहेड़ा, बिजवासन, पालम विहार और दुंदाहेड़ा बॉर्डर को खोला गया है। इसके अलावा एनएच-44 को दोनों ओर से बंद किया गया है और साथ ही सिंघु, औचंडी, मंगेश बॉर्डर, पिओ मनियारी को बंद कर दिया गया है। लोगों से लामपुर, सफियाबाद, साबोली बॉर्डर से जाने की सलाह है।
किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। हालांकि बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को मोदी सरकार पर भरोसा रखना चाहिए। जो भी किया जाएगा, वह उनके हित में होगा। मैं अनुशासन बनाए रखने के लिए किसान यूनियनों को धन्यवाद देना चाहता हूं..चूंकि आज बातचीत पूरी नहीं हो सकी, इसलिए हमने 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है। इसके साथ ही तोमर ने किसानों से आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध भी किया।
कांग्रेस, टीआरएस, द्रमुक और आप ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संघों द्वारा आठ दिसंबर को 'भारत बंद के आह्वान के प्रति रविवार को अपना समर्थन जताया। इन कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले 12 दिन से जारी है। इन विपक्षी पार्टियों से पहले शनिवार को तृणमूल कांग्रेस, राजद और वामपंथी दलों ने भी बंद का समर्थन किया था। सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिश मे जुटी है, लेकिन किसान नेता तीनों कृषि कानूनों की वापसी से कम मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
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