इंदौर। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सभी अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि ऐसी भूमि जो राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के विभागों अथवा उपक्रमों को लीज अथवा पट्टे पर आवंटित की है, का पट्टे की शर्तों के अधीन तथा आवंटन प्रयोजन से ही उपयोग हो, यह सुनिश्चित किया जाये। ऐसी भूमि के विक्रय, नीलामी अथवा अन्यथा अंतरण के प्रयास की जानकारी प्राप्त होते ही नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
विदित है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा समय-समय पर केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों एवं उपक्रमों को भूमि का आवंटन किया गया है। ऐसी भूमि राज्य सरकार द्वारा स्थायी पट्टे पर अथवा अन्य शर्तों के अध्याधीन आवंटित की जाती है। आवंटन प्राप्तकर्ता ऐसी भूमि को भूमि आवंटन की शर्तों/प्रयोजन के अनुक्रम में ही प्रयुक्त कर सकते हैं। प्राय: यह देखने में आया है कि केन्द्र सरकार के विभागों तथा उपक्रमों द्वारा विशिष्ट प्रयोजन व शर्तों के अधीन मध्यप्रदेश शासन द्वारा आवंटित भूमि को अनुपयोगी दर्शाकर नीलामी अथवा अन्य माध्यमों से विक्रय या अन्यथा हस्तांतरित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसा कृत्य मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 182 नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2018 की कंडिका 67 एवं आवंटन शर्तों का उल्लंघन है। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165(7-ख) के अनुसार राज्य शासन से भूमि धारण करने वाला व्यक्ति कलेक्टर से अनिम्न श्रेणी के किसी राजस्व अधिकारी की अनुज्ञा के बिना भूमि का अंतरण नहीं कर सकता है।
इंदौर
कलेक्टर ने दिये राजस्व अधिकारियों को निर्देश, पट्टे की शर्तों के अधीन तथा आवंटन प्रयोजन से ही उपयोग हो राज्य शासन द्वारा केन्द्र सरकार के विभागों को आवंटित की गई भूमि
- 15 Sep 2022