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कलेक्टर बोले-हम शर्मिंदा हैं, आपको पक्का घर नहीं दिला सके

  • 17 Jan 2023

आदिवासी महिला से मांगी माफी; मिलेट्स के बीज बांटने के लिए किया सम्मानित
डिंडौरी। आप यहां आइए! कुर्सी पर बैठिए। सभी अफसरों को मैं बताना चाहता हूं कि ये सिलपीड़ी गांव की लहरी बाई हैं। हम सब अफसर और कर्मचारी जब यहां सो रहे हैं ये गांवों में मिलेट्स के बीज उपलब्ध करा रही हैं। ऐसे बीज जो किसानों को देने के लिए हमारे पास भी नहीं हैं। ये जरूरतमंद हैं फिर भी इन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना में हम घर नहीं दिला सके। हम सब शर्मिंदा है कि आपको घर नहीं दे सके। लेकिन भरोसा दिलाते हैं कि जल्द ही आपका पक्का घर होगा।
ये बातें डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने आदिवासी महिला से माफी मांगते हुए कही। ये वही कलेक्टर हैं जिनकी हाल ही में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंच से तारीफ की है। उन्होंने सोमवार को अपने दफ्तर में एक सम्मान समारोह रखा। इसमें एक माह में शानदार काम करने वाले बेहद साधारण पृष्ठभूमि के 14 लोगों को स्टार ऑफ द मंथ सम्मान दिया गया। इनमें से एक सिलपीड़ी गांव की लहरी बाई भी थीं। जिन्हें कलेक्टर ने सम्मानित किया।
कलेक्टर ने उन्हें अपने पास कुर्सी पर बैठाने के बाद अफसरों से कहा- हम जानते हैं कि ये यहां हम पढ़े-लिखों को देखकर घबरा रही हैं। लेकिन जब ये गांव में बोलती हैं तो पूरा गांव इन्हें सुनता है। फुसफुसाहट भी होती है तो लोग कहते हैं- चुप रहो लहरीबाई बोल रही हैं। ये कोदो, कुटकी जैसे मिलेट्स (मोटे अनाज) के बीज लोगों को उपलब्ध कराती हैं। ये बीज हमारे पास भी नहीं है। ये बीज रैली निकालकर लोगों को बांटती हैं।
टूटे-फूटे मकान में चला रही मिलेट्स बैंक
डिंडौरी जिले के बजाग विकासखंड के सिलपीड़ी गांव में लहरी बाई मिलेट्स बैंक संचालित करती है। बूढ़े माता-पिता की वजह से शादी नहीं की है। अपने मकान में मिलेट्स (कोद) बैंक संचलित कर रही है, और टूटे-फूटे मकान में रह रही है। जिला प्रशासन ने मिलेट्स अंतरराष्ट्रीय दिवस के बैनर पोस्टर पर लहरी बाई की फोटो लगाई है। मिलेट्स बैंक संचालित करने के पीछे कारण यह है कि क्षेत्र में मोटे अनाज उपलब्धता लगातार कम हो रही है। ऐसे में लहरी बाई ने खुद इन बीजों को तैयार करना शुरू कर दिया और वह लोगों को इन्हें बांटकर उपजाने की अपील करती है।
14 लोगों को दिया स्टार ऑफ द मंथ अवार्ड
कलेक्टर ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले 12 लोगों को स्टार आफ द मंथ अवॉर्ड से सम्मानित किया। बैठक में आए अधिकारियों को नसीहत दी कि अपने दायित्व का निर्वहन अच्छे से करे। आइडियल बनो। इस दौरान कलेक्टर ने बेहतर काम करने वाले 12 लोगों को अधिकारियों के सामने बतौर मिसाल पेश किया। उनके कामों से अवगत कराकर प्रेरणा लेने की बात कही है।
लहरी बाई को बचपन से खेती में रहा रुझान
लहरी बाई (27) डिंडौरी जिले के बजाग जनपद क्षेत्र के सिलपिढ़ी गांव में रहती हैं। लहरी ने बताया कि मैं बचपन से ही घर में बेवर खेती देख रही हूं। उसके बीज को सहेजने की जानकारी घर में मिली। मैंने भी बीजों को संरक्षित करना शुरू कर दिया। मुझे बीज संरक्षित करना अच्छा लगता है। बेवर बीज की खेती से उत्पन्न होने वाले अनाज को खाने शरीर हष्ट-पुष्ट रहता है। आयु भी लंबी होती है। मैंने अपने खेत में धान और कोदो की खेती की। सामुदायिक अधिकार वाले जंगल की जमीन पर भी मैं पारंपरिक खेती करने में इन बीजों का इस्तेमाल करती हूं।