राजवाड़ा पर उमड़ पड़ा था जनसैलाब, हर कोई रंग में रंगा,
इंदौर। रंगपंचमी पर इंदौर में इस बार राजवाड़ा पर जनसैलाब उमड़ा। पिछले वर्ष की तुलना में बड़ी संख्या में कई लोग तो यहां सपरिवार रंगपंचमी का आनंद लेने पहुंचे। गेर समाप्त होने के बाद सडक़ पर फैले हजारों किलो गुलाल को 2 घंटे में साफ कर दिया गया। इससे एक बार फिर साबित हो गया कि इंदौर क्यों लगातार सफाई में नंबर वन बनता आ रहा है।
राजवाड़ा पर सुबह से रंग-गुलाल उडऩे लगा था। इंदौर की ऐतिहासिक गेर में शामिल होने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों से लोग परिवार के साथ और युवाओं की टोली राजवाड़ा पहुंच गई थी। गेर समाप्त होने के बाद सडक़ पर फैले हजारों किलो गुलाल को 2 घंटे में साफ कर दिया गया। लगभग 4 किलो मीटर एरिया साफ किया गया। इस पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नगर निगम की सफाई टीम को साधुवाद दिया।
जैसे-जैसे संस्थाओं की गेर राजवाड़ा पहुंच रही थी, लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा था। इंदौर के राजकमल बैंड की धुन पर भी लोग जमकर झूमे। इस बार पिछली वर्ष के मुकाबले ज्यादा लोग गेर देखने पहुंचे । लाखों लोगों की भीड़ राजवाड़ा पर देखी गई। कई संस्थाओं की गेर निकलने के बाद भी लोगों के आने का सिलसिला जारी था।
सबसे पहले टोरी कार्नर की गेर
सुबह करीब सवा 11 बजे सबसे पहले टोरी कार्नर की गेर राजवाड़ा पहुंची। राजवाड़ा पर हर कोई रंग में रंगा नजर आया। रंगपंचमी का उल्लास चारों तरफ दिख रहा था। यह गेर टोरी कार्नर से मल्हारगंज, खजूरी बाजार, राजवाड़ा पहुंची। इसके बाद गेर गोपाल मंदिर, सराफा, नृसिंह बाजार होते हुए पुन: इतवारिया बाजार से मल्हारगंज पहुंची।
महिला बाउंसर भी थी साथ
आयोजक शेखर गिरि ने बताया कि इस बार गेर के साथ 20 महिला बाउंसर भी साथ थी। बाउंसर ने शहर के बाहर से आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों का सहयोग किया। इसके साथ ही जबलपुर के जूनियर अमिताभ डांसरों के साथ नृत्य करते चल रहे थे। यह शहर की सबसे पुरानी गेर है।
पहली बार नगर निगम हुआ शामिल
शहर की ऐतिहासिक रंगारंग परंपरा में पहली बार इंदौर नगर पालिक निगम भी भागीदार बना। गेर में पहली बार नगर निगम का काफिला भी शामिल हुआ। निगम की गेर में पानी के दो टैंकरों और रथ के साथ कुल दस गाडिय़ां शामिल हुई। गेर की झांकियों में नगर निगम ने स्वच्छता व पर्यावरण का संदेश देते हुए शासन की योजनाओं को भी प्रचारित किया। गेर में राधाकृष्ण की झांकी के साथ एक पेड़ आकर्षण का केंद्र रही। इसकी शाखाओं से सुंगधित रंगों की फुहार उड़ती रही।
आधुनिक तरीकों का भी इस्तेमाल
यह गेर हरिराम मंदिर राजमोहल्ला से कैलाश मार्ग, रामाशाह मंदिर, मल्हारगंज, गोराकुंड चौराहा, खजूरी बाजार से राजवाड़ा पहुंची। आयोजक पं. राजपाल जोशी ने बताया कि गेर में 20 से अधिक वाहन शामिल हुए। इनमें ई-रिक्शा, रंगीन पानी के टैंकर, मिसाइल, डीजे वाहन, तांगे, रनगाड़े आदि थे। इसमें रंग उड़ाने के पुराने तरीकों के साथ आधुनिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया गया।
राधा कृष्ण यात्रा ने जमाया रंग
यह यात्रा बद्रीनारायण मंदिर नृसिंह बाजार में पूजा अर्चना के बाद निकाली गई। यात्रा सीतलामाता बाजार, गोराकुंड, खजूरी बाजार, राजवाड़ा पहुंची। आयोजक राजसिंह गौड़ ने बताया कि यात्रा में राधाकृष्ण का रथ शामिल हुआ। इसे मातृशक्तियों ने अपने हाथों से खिंचा। इस बार महिलाओं के लिए महिला कार्यकतार्ओं ने सुरक्षा घेरा भी बनाया। रथ से भगवान कृष्ण ने टेसू के फूलों से निर्मित सुगंधित रंग उड़ाया।
मारल क्लब उत्सव समिति
संस्था की गेर छीपा बाखल से सागर ज्यूस, गोराकुंड, खजूरी बाजार से राजबाड़ा पहुंची। आयोजक अभिमन्यु मिश्रा ने बताया कि यात्रा में टेसू के फूलों का रंग आधुनिक मशीनों से उड़ाया गया। काफिले में 30 से अधिक वाहन गेर में शामिल हुए। इसमें 40 हजार क्षमता के टैंकर, मिसाइलें, गुलाल वाहन शामिल हुए। दो डीजे वाहन मुंबई से विशेष तौर पर बुलाई गई थी। इसमें 60 सदस्यीय ढोलक-ताशा पार्टी, वॉलेंटियर्स आदि शामिल हुए।
संगम कार्नर चल समारोह समिति
समिति की गेर कैलाश मार्ग, टोरी कार्नर, गोराकुंड, खजूरी बाजार होते हुए राजवाड़ा पहुंची। आयोजक कमलेश खंडेलवाल ने बताया, इस बार गेर का प्रमुख आकर्षण बरसाना की टीम की ल_मार होली, भगवान राधाकृष्ण का रासरंग और बांके बिहारी का ढोल था। गेर में बैंड, डीजे, रनगाड़े, ट्रैक्टर, मेटाडोर, डंपर समेत पानी की मिसाइल, गुलाल की मिसाइल, गुलाब उड़ाती तोप शामिल हुए।
इंदौर
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- 13 Mar 2023