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इंदौर

घोड़ों में गलेंडर, राष्ट्रीय अश्व रोग अनुसंधान केंद्र ने की पुष्टी

  • 02 Mar 2023

मलेंडी गांव के साथ ही आस - पास भी सर्तकता, इंसानों में भी फैल सकती है बीमारी
इंदौर। समीपस्थ महू में अश्व प्रजाति में गलेंडर रोग की पुष्टी होने से खासा हड़कंप है। मलेंडी गांव की एक घोड़ी में इस रोग की पुष्टी हुई है। दरअसल गत दिनों अश्व पालक का पशु गले में सूजन के साथ ही सांस लेने में तकलीफ के चलते गंभीर अवस्था में उसे इलाज के लिए बाहर ले जाया गया जहां से इसकी जांच सेंपल अखिल भारतीय अश्व रोग अनुसंधान केंद्र हरियाणा के हिसार में भेजे गए थे, वहां से घोड़ी में अश्व रोग की पुष्टी हुई हैं इधर इसकी रोकथाम के लिए पशु पालन एवं डेयरी विभाग इंदौर के संयुक्त संचालक ने अनुविभागीय अधिकारी व अन्य जिम्मेदारों से पत्राचार कर पशुओं में इस बीमारी के फैलने से रोकने के साथ ही पशु पालकों में जागरूकता आदि के लिए कार्यक्रम चलाए जाने की बात कही है। एसडीएम कार्यालय में इस संदर्भ में बैठक भी हुई जिसमें भारत सरकार पशु मंत्रालय द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार सभी विभागों के अधिकारियों को अलग - अलग दायित्व सौंपे गए है। अधिकारियों के बीच सामांजस्य के लिए सोशल ग्रुप भी बनाया गया है।
दस किलोमीटर तक
जानकारों के मुताबिक गलेंडर रोग संक्रमण तेजी से अश्वों में फैलता है, इस बीमारी से प्रभावित पशु के दस किलोमीटर तक अन्य अश्वों में भी एहतियात के तौर पर जांच परामर्श कर आवश्यकता है। गौरतलब है विकासखंड में सेना का बड़ा प्रशिक्षण केंद्र है, जहां पर बड़ी संख्या में इस प्रजाति का पालन किया जाता है, जबकि एनसीसी व अन्य संस्थानों के साथ ही व्यवसायिक व शौकियाना कारणों से भी वृहद स्तर पर अश्वों का लालन - पालन किया जा रहा है, लिहाजा ऐसे समय इन पर विशेष निगाहबानी व जांच आदि शिविर लगाए जाना चाहिए।
बचने की संभावना कम
इस सबंध में पशु पालन एवं चिकित्सा महाविधालय के डीन डा बीपी शुक्ला से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि घोड़ें में होने वाली यह बीमारी संपर्क के चलते इंसानों में भी फैल सकती है, इसमें बुखार के साथ ही गले में इन्फेंशन के साथ ही अन्य लक्षण है, हालांकि अभी तक घोड़ों से इंसानों में आने का कोई मामला सामने नहीं आया है। जबकि इस बीमारी से अश्वों की जान भी जा सकती है। घोड़ा - घोड़ी को टीकाकरण के माध्यम से इस बीमारी से बचाया जा सकता है। वही पालकों के साथ ही आस - पस रहने वाले लोगों को भी विशेष सर्तकता बरतने की आवश्यकता है।