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इंदौर

दर्शकों को रुला गया नाटक वक्त थम गया

  • 03 Jan 2024

इन्दौर। नववर्ष के प्रारंभ में मर्मस्पर्शी हिंदी नाटक ह्लवक्त थम गयाह्व का मंचन माई मंगेशकर सभागृह में हुआ। आशा सोनी की परिकल्पना पर आधारित, पंकज उपाध्याय द्वारा लिखित और निर्देशित इस नाटक के कलाकार थे - आशा सोनी, पंकज उपाध्याय, मनोहर दुबे, सुदर्शन पटवा, आर्यन शुक्ला, स्नेहा त्रिवेदी, अशोक दुबे, सार्थक उपाध्याय, अवनी शर्मा, गिरीश शर्मा, प्रणय सोनी, प्रखर वर्मा, सोम राय, राजवीर सोनी, हिमांशु मिश्रा, संगीत एवं प्रकाश संयोजन विजय ओहवाल का था।
मंचन से पूर्व प्रमुख अतिथि डॉ सरोज कुमार जी का जन्मदिवस (पूर्व संध्या पर) मनाया गया।  श्री जयंत भीसे, निदेशक उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत अकादमी, संस्था सूत्रधार के प्रमुख श्री सत्यनारायण व्यास,  श्री कृष्ण कुमार अस्ठाना जी विशेष अतिथि थे।
साक्षिप्त कहानी - यह एक गृहणी की मर्मस्पर्शी कहानी है। सुमन के खुशहाल परिवार में तीन पुत्र हैं, पति दुकानदार हैं। तीनो पुत्र जब छोटे थे, तभी सुमन के पति को अपने भाई के उपेक्षित व्यवहार से गहरा सदमा पहुंचता है और उनका निधन हो जाता है। हंसते खेलते परिवार पर एकाएक हुए इस आघात को सुमन झेल नहीं पाती और उसका मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाता है। वक्त गुजरता रहता है लेकिन सुमन के लिए वक्त वहीं ठहर जाता है। समय के साथ तीनों पुत्र बड़े हो जाते हैं, उनके विवाह हो जाते हैं, घर में बहुएं आ जाती हैं, लेकिन सुमन के लिए ये तीनों पुत्र अभी वही मासूम बच्चे हैं, वह उनके साथ वैसा ही व्यवहार करती है, उन्हें अपने हाथ से खाना खिलाती है, उन्हें खिलौनों से खेलने को कहती है। सुमन के इस व्यवहार से बहुएं बहुत परेशान हो जाती हैं। सुमन का ये व्यवहार घर में कलह का कारण बन जाता है। आखिर बेटे बहू सुमन को अकेली छोडक़र चले जाते हैं, रिश्तेदार भी आना बंद कर देते हैं। एकाकीपन और डिप्रेशन के कारण एक दिन सुमन की भी मृत्यु हो जाती है।