इंदौर। नगर निगम के यातायात एवं परिवहन विभाग द्वारा ट्रैफिक सुधार के नाम पर सड़कों पर स्टॉप लाइन डालने, जेब्रा क्रॉसिंग बनवाने और ऑयल पेंट से लाइन डालने का काम किया जाता है। इसमें गुणवत्ता न होने पर दो महीने में ही ब्लैक एंड वाइट लाइन गायब हो जाती है। ऐसे में अब जेब्रा क्रॉसिंग डालने के लिए एक बार फिर पौने 2 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
शहर में ट्रैफिक सुधार को लेकर यातायात एवं परिवहन विभाग काम करता है। इसके चलते लेफ्ट टर्न चौड़ीकरण से लेकर रोटरी छोटी कर चौराहों का सौंदर्यीकरण किया जाता है। इसके साथ ही ट्रैफिक संचालन के लिए स्टॉप लाइन डालने, जेब्रा क्रॉसिंग बनवाने और ऑयल पेंट से लाइन डालने का काम किया जाता है। निगम अफसरों को लगता है कि इन लाइन को डलवा देंगे तो उससे इंदौर का यातायात अच्छा हो जाएगा। निगम द्वारा एक बार फिर इंदौर की सड़कों पर ट्रैफिक लाइन डालने का काम कराया जाएगा । इस पर पौने दो करोड़ रुपए खर्च होंगे। निगम जब भी यह लाइन डलवाता है तो वह दो महीने में ही खराब हो जाती है, क्योंकि काम गुणवत्तापूर्ण नहीं होता । इतना ही नहीं, इससे ठेकेदारों को फायदा होता और अफसरों का हित सध जाता है।
कहने को हो जाता कि यातायात व्यवस्था सुगम बनाने के लिए कितने करोड़ की राशि खर्च की गई। ट्रैफिक संचालन के लिए स्टॉप लाइन डालने, जेब्रा क्रॉसिंग बनवाने और ऑयल पेंट से लाइन डालने को लेकर जो टेंडर जारी हुए हैं, वह इसी महीने खुलेंगे और दीपावली के बाद काम को शुरू कराया जाएगा। मामले में यातायात एवं परिवहन विभाग के अफसरों का कहना है कि ट्रैफिक संचालन के लिए स्टॉप लाइन डालने, जेब्रा क्रॉसिंग बनवाने और ऑयल पेंट से लाइन का काम लगातार चलता है। रही बात दो माह में लाइन बिगडऩे की तो वाहनों की आवाजाही अधिक रहती है। इससे सारे निशान खत्म हो जाते हैं। इसके बाद फिर नए सिरे से काम कराना ही पड़ता है।
इंदौर
पौने दो करोड़ की लागत से सड़कों पर स्टॉप लाइन जेब्रा क्रॉसिंग और ऑयल पेंट के कार्य होंगे
- 15 Oct 2022