बनवाया खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र, नारकोटिक्स को सूचना सूचना मिली तो धरदबोचा
इंदौर। ड्रग्स तस्करी के आरोप में 12 साल की सजा काट रहे आरोपी को कोरोना काल में पैरोल पर छोड़ दिया। इस दौरान उसने अपनी मृत्यु का प्रमाण पत्र बनवाया और सेंट्रल जेल भेज दिया। जेल प्रबंधन ने भी इस ओर विशेष ध्यान नहीं दिया और उसकी फाइल बंद कर दी गई। दूसरी ओर नारकोटिक्स ब्यूरो इंदौर को सूचना मिली कि सेंट्रल जेल में तस्करी का सजा या ता कैदी इन दिनों गुजरात में देखा गया है। इसके बाद टीम ने उसे गुजरात से गिरफ्तार किया है। वह दो साल से गुजरात में अपना नाम छिपाकर रह रहा था।
सूत्रों के मुताबिक अभिषेक जैन,आलीराजपुर को एनसीबी ने ड्रग्स तस्करी के मामले में गिर तार किया था। उसके पास से प्रतिबंधित केमिकल मिला था। कोर्ट ने अभिषेक को दोषी माना और 12 साल की कैद और दो लाख जुमार्ने की सजा सुनाई। उसे इंदौर की सेंट्रल जेल में सजा के लिए भेजा गया। कोरोना काल में कई कैदियों को पैरोल पर रिहा किया था उसी दौरान अभिषेक ने अपना फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया और गुजरात चला गया। वह वहां से दो साल से लोन मंजूर करवाने का काम कर रहा है। एनसीबी को अपने इनफारमर्स से सूचना मिली कि अभिषेक नाम बदलकर गुजरात में रह रहा है। इस सूचना के बाद टीम ने गुजरात से उसे गिरफ्तार किया। मामले में कार्रवाई की जा रही है।
इंदौर
पैरोल पर छूटे आरोपी ने खुद को मृत बताया
- 07 May 2022