इंदौर। एरोड्रम थाना क्षेत्र में पांच माह के भ्रूण के मामले में पुलिस अब तक पुलिस खाली हाथ है। अभी तक पुलिस को इस मामले में कोई लीड़ नहीं मिली है। पुलिस को भ्रूण फेंकने वाला का सुराग तक हाथ नहीं लगा है।
10 अक्टूबर को पुलिस को छोटा बांगड़दा स्थित कचरा प्लांट में प्लास्टिक में नवजात शिशु मिलने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने उसे पीएम के लिए जिला अस्पताल भेजा था। पीएम के पास स्पष्ट हुआ कि वह नवजात नहीं बल्कि पांच माह का भ्रूण है। उस वक्त इंदौर में वीवीआईपी मूवमेंट के चलते पुलिस अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे सके थे। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने संभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी फुटेज और अस्पतालों के रिकॉर्ड खंगालने की बात कही थी ताकि क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की जानकारी मिल सके। घटना के बाद पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र को भी इस मामले में एक्टिव किया था। मगर नौ दिनों बाद भी पुलिस को उनसे भी कोई खास सुराग हाथ नहीं लगा है। अब पुलिस ये संभावना जता रही है कि कहीं बाहर से लाकर ये भ्रूण फेंका तो नहीं गया। पुलिस की जांच में ये संभावना भी आई थी भ्रूण को कचरा प्लांट में ही फेंका गया होगा, क्योंकि कचरा प्लांट के आसपास सुनसान जगह है और वहां कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा है। मामले में पुलिस का कहना है कि भ्रूण काफी छोटा था, उसमें मूवमेंट शुरु नहीं हुआ था। ये जानकारी डॉक्टर से मिली है। इसलिए इस मामले में केस दर्ज करने के पहले लीगल ओपिनियन भी लिया जाएगा। भ्रूण के मामले में ओर कोई जानकारी नहीं मिली है।
इंदौर
भ्रूण मिलने के मामले में पुलिस आठ दिन बाद भी खाली हाथ
- 19 Oct 2022