इंदौर। गत दिवस दलित मजदुर संजय निर्मोले निवासी ममता नगर को पेट में गैस की तकलीफ के चलते परिजन द्वारा चोइथराम हॉस्पिटल में ईलाज हेतू भर्ती कराया गया था ।
हॉस्पिटल प्रबंधन ने ईलाज हेतू 60 हजार रुपए जमा कराने के लिए कहा था। संजय की गर्भवति पत्नी द्वारा चंदा करके 20 हजार रूपए जमा कर दिए गए थे। शेष पैसों की व्यवस्था नहीं हो पाई । जिसके कारण डाक्टरों द्वारा ईलाज में लापरवाही बरती गई । परिणाम स्वरूप दोपहर 12 बजे संजय की मृत्यु हो गई ।
मृतक संजय के शव को कल दोपहर से ही अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को नही सौपा। कहा शेष पैसा जमा करो और शव ले जाओ पीडि़त परिवार के पास तो अन्तिम संस्कार के पैसे नहीं थे। 40 हजार कहां से लाते।मृतक के परिजन अस्पताल प्रबंधन के सामने खूब रोए गिड़गिड़ाए परन्तु अस्पताल प्रबंधन ने किसी की एक न सुनी। अस्पताल प्रबंधन अपनी बात पर अड़े रहे की पैसा लाओ और शव ले जाओ।
पीडि़त परिवार ने समाज के नेता कमल शिन्दे के माध्यम से अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार से सम्पर्क किया और घटनाक्रम बताया। परमार ने कहा कि कोई भी हॉस्पिटल शव को पैसों के लिए रोक नहीं सकता ऐसा सुप्रीम कोर्ट का आदेश है और यदि शव परिजनों को नही सौपते है तो समस्त दलित समाज चोइथराम हॉस्पिटल का घेराव करेंगे। घेराव का मेसेज सोशल मीडिया पर चलते ही अस्पताल प्रबंधन के साथ ही पुलिस प्रशासन भी हरकत में आया। इस विषय को परमार और शिन्दे ने नेताओं को भी अवगत कराया। उन्होंने भी चोइथराम हॉस्पिटल के ट्रस्टियों से बात की । आज सुबह सैकड़ो की संख्या में दलित समाजजन चोइथराम हॉस्पिटल पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार के नेतृत्व में घेराव के पूर्व ही अस्पताल प्रबंधन ने हथियार डाल दिये। और कहा कि आप कोई भी पैसा जमा मत करो। यह मृतक संजय निर्मोले का शव ले जाओ। बिना आन्दोलन के बिना पैसों के गरीब मजदूर का शव परिजनों को मिल गया।।