सागर। मैं, केबीसी मुंबई से बोल रहा हूं। कंपनी ने 5 हजार मोबाइल नंबरों में से आपका नंबर सिलेक्ट किया है।आपको 25 लाख रुपए की लॉटरी लगी है। इनाम की राशि आप बैंक से ले सकते है, लेकिन पैसे पाने के लिए टैक्स अदा करना होगा। हम एक मोबाइल नंबर देंगे। उस पर सिर्फ वॉटसएप कॉल ही स्वीकार होगा। केबीसी का नया सीजन शुरू होने के साथ ही इस तरह से जालसाजी के प्रयास होने लगे हैं।
मोबाइल पर कॉल करके हरियाणवी भाषा में बातचीत करने वाले जालसाज खुद को केबीसी मुंबई का एजेंट बताकर लॉटरी लगने का झांसा दे रहे हैं। इसके लिए आपके मोबाइल पर बाकायदा लॉटरी नंबर की रसीद बनाकर भेजी जा रही है। इसके साथ ही उन्हें एक नंबर देकर उस पर वॉट्सएप कॉल करने के लिए कहा जाता है। कॉल करने पर ठग इनाम की राशि के लिए पैसों की मांग करते हैं। साइबर सेल ने लोगों को आगाह किया है कि इस तरह के कॉल, मैसेज और लिंक पर संपर्क करने से बचें।
जालसाज, व्यक्ति को अपने जाल में फांसने के लिए केबीसी की क्लिप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन व मुकेश अंबानी तक की फोटो का इस्तेमाल कर रहे हैं। ठग जीती रकम पाने के लिए पहले 8000 रुपए टैक्स और प्रोसेसिंग फीस के रूप में जमा करने को कहता है। वहीं सिक्योरिटी क्लियरेंस के नाम पर 25 हजार रुपए की डिमांड की जाती है। लोगों को भरोसा दिलाने के लिए केबीसी की क्लिप को ठग एडिट कर भेजते हैं। इसमें अमिताभ बच्चन की फोटो का भी इस्तेमाल किया जाता है। स्क्रीन पर उस व्यक्ति का मोबाइल नंबर नजर आता है, जिसे क्लिपिंग भेजी गई है।
साइबर ठगी के ये तरीके भी अपना रहे जालसाज
1 ऑर्मी अफसर बनकर
जालसाज सोशल साइट्स पर आर्मी अफसर बनकर ठगी की कोशिश कर रहे हैं। ट्रांसफर होने के बाद वाहन व अन्य सामान बेचने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। साइबर सेल के अनुसार ठगी के लिए बदमाश सेना का फर्जी परिचय पत्र और कैंटीन कार्ड बनाकर पोस्ट कर रहे हैं।
2 ऑनलाइन खरीद-बिक्री
शहर के एक युवक ने अपनी गाड़ी बेचने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन दिया था। जालसाजों ने गाड़ी खरीदने के नाम पर उनसे बैंक डिटेल्स मांगकर ठगी की कोशिश की। सतर्कता से वे जालसाजों के झांसे में नहीं आए। इसी तरह एक युवती ने अपना मोबाइल बेचने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन दिया था। उससे भी ठगी की कोशिश की गई।
3 बैंक डिटेल्स लेकर
एक शिक्षिका से जालसाज ने धोखे से बैंक डिटेल्स ली और 30 हजार रुपए खाते से निकाल लिए। बैंक अकाउंट की डिटेल लेने के बाद ठग ने उनके खाते से रुपए निकालने के पहले एक वॉलेट में फिर दूसरे वॉलेट में और फिर यूपी की एक बैंक ब्रांच में राशि ट्रांसफर की थी।
4 फेक आईडी बनाकर
जालसाज फेक आईडी बनाकर परिचितों से रुपए मांगते हैं। हाल ही में सागर कलेक्टर व निगम कमिश्नर की फेक आईडी बनाकर ठगी की कोशिश की गई थी। इसके लिए ठग सोशल साइट्स के अकाउंट को हैक करके फेक आईडी बनाते हैं। हालांकि अब यह ट्रैंड पुराना हो चुका है।
5 सिम अपडेट
बीएसएनएल की सिम अपडेट करने के नाम पर जालसाज ठगी कर रहे हैं। इसके लिए ठग केवायसी और बैंक डिटेल्स मांगकर खातों से रुपए उड़ा रहे हैं।
विशेष तकनीक का उपयोग, मोबाइल नंबर ट्रेस करना मुश्किल
सागर साइबर सेल के अनुसार जिन मोबाइल नंबरों का ठगी के लिए इस्तेमाल हो रहा है। उनमें ठग एक विशेष तरह की तकनीक का इस्तेमाल करते हैं ताकि इन नंबरों को ट्रेस न किया जा सके। खास बात यह है कि कॉल करने वाले की बातचीत करने का लहजा पूरी तरह से हरियाणवी लगता है। लोगों के मोबाइल पर कॉल आती है और सामने वाला खुद को केबीसी का एजेंट बताता है। इस तरह के कॉल शहर में ही पुलिस व मीडिया से जुड़े लोगों को भी आ चुके हैं। सतर्कता के चलते ये लोग ठगी से बच गए। साइबर सेल के अमित शुक्ला ने बताया कि इस तरह के कॉल, मैसेज पर भरोसा न करें। वहीं भेजी गई किसी तरह की लिंक पर क्लिक न करें। केबीसी के नाम पर साइबर ठगी करने वाला बाहरी गिरोह सक्रिय हैं। लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं। हालांकि अभी तक ठगी के प्रयास के मामले ही सामने आए हैं।
यह बरतें सावधानी
किसी भी अनजान द्वारा भेजी गई लिंक को ओपन न करें। बेवसाइट खोलने से पहले चेक कर लें कि वह असली है। कई नामी वेबसाइट के नाम पर फेक वेबसाइट चल रही हैं। मोबाइल पर या मेल पर आए किसी भी लिंक को ओपन करें तो ध्यान रखें कि खाते से जुड़ी डिटेल्स न दें।
- साइबर एक्सपर्ट
DGR विशेष
सायबर क्राइम- मोदी,अमिताभ, अंबानी के फोटो लगाकर ठगी, 25 लाख की लॉटरी के कॉल व मैसेज भेज रहे ठग
                                                                                       
                            
                        - 18 Aug 2021
 
                                              

			      			  	
			      			  	
			      			  	
			      			  	
