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बाबा पंडित

शनिदोष से बचने के लिए करें ये उपाय

  • 28 Apr 2022

सामान्यतः शनिवारी अमावस्या साल में दो या तीन बार पड़ जाती है,किन्तु इसका कोई तय आधार नहीं है। इस बार 30 अप्रैल,को शनिवारी अमावस्या पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि हवन-पूजा,श्राद्ध,तर्पण एवं पितरों की आत्मा की शांति के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथि मानी गई है। शनिवार का दिन विशेष रूप से न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार शनिदेव का जन्म अमावस्या तिथि को शनिवार के दिन हुआ था। इसलिए शनि अमावस्या का ये संयोग शनिदेव को प्रसन्न करने एवं शनिदोषों से मुक्ति पाने का एक विशेष अवसर है। इस दिन मंदिरों में मुख्य रूप से शनि-शांति के कर्म,पूजा-अनुष्ठान,पाठ और दान आदि करने से शनि व पितृ दोषों की शांति होती है।आइए जानते हैं इस दिन कैसे पाएं शनिदेव की कृपा और किन कार्यों को करने से बचें...
ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार शनि अमावस्या पर पीपल की जड़ में कच्चा दूध मिश्रित मीठा जल चढ़ाने व तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। शनि की साढ़ेसाती या ढईया के चलते पीपल के पेड़ की पूजा करना और उसकी परिक्रमा करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।वहीं सुख-शांति में वृद्धि के लिए इस दिन पीपल का वृक्ष रोपना बहुत अच्छा माना गया है।
शनिदेव के दिव्य मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का इस दिन जप करने से प्राणी भयमुक्त रहता है।
शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं। शनि दोष की शांति के इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ-साथ  शिवजी पर काले तिल मिले हुए जल से  'ॐ नमः शिवाय' का उच्चारण करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
शनिदेव की प्रसन्नता के लिए जातक को शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए एवं गरीब लोगों की मदद  करनी चाहिए,ऐसा करने से जीवन में आए संकट दूर होने लगते हैं।
शनिदेव, हनुमानजी की पूजा करने वालों से सदैव प्रसन्न रहते हैं,इसलिए इनकी कृपा पाने के लिए शनि पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए।
धार्मिक मान्यता के अनुसार क्या न करें
शनि अमावस्या के दिन ध्यान रखें कि घर में लोहे से बनी कोई वस्तु ना लेकर आए। आज के दिन लोहे की चीजें खरीदने से भगवान शनि रुष्ट हो जाते हैं और ऐसा करने से आपकी शारीरिक और आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं ।
सरसों का तेल, लकड़ी,जूते-चप्पल और काली उड़द को आप भूल से भी इस दिन खरीदकर नहीं लाएं,वरना आपको शनिदेव की कुदृष्टि का सामना करना पड़ सकता है।
इस दिन शनिदेव मंदिर में शनि के दर्शन करने जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि भूल से भी उनकी आंखों को न देखें।शास्त्रों के अनुसार इनकी आखों में देख कर दर्शन करने से अनिष्ट होने का भय रहता है।
साभार अमर उजाला