शब्द पुष्प
वैसे ही नया साल हो
- 23 Jan 2021
वैसे ही नया साल होजैसे हर सुवह बीत जाती रात हो..जैसे अश्कों के बीच मुस्कराते हमारे जज्बात हो..जैसे प्रतिरोधों में हौसलों का साथ होजैसे हर टूटन के बाद उमंग का ख्...
दिल के अँधेरे
- 26 Dec 2020
मानिंद-ए-शमां यूँ तो जले हैं तमाम उम्र..
लेकिन हमारे दिल के अँधेरे न कम हुए...
मैं तो इंसान हूँ
- 31 Oct 2020
अगर बे-एैब चाहते हो तो
फरिश्तों से रिश्ता कर लो,
मैं तो इंसान हूँ
खताएं होना लाज़मी हैं..!
आहिस्ता आहिस्ता
- 17 Oct 2020
आहिस्ता आहिस्ता रूह में उतरा था इश्क़,
आहिस्ता आहिस्ता जान निकल रही है अब.. !!
गुनाह पर्दे में
- 03 Oct 2020
मेरे गलतियों तो
मशहूर है ज़माने में..
फ़िक्र वो करे ,
जिनके गुनाह पर्दे में है।
जिन्दगी
- 20 Sep 2020
मुकम्मल कहाँ हुई ,
जिन्दगी किसी की ..
आदमी कुछ खोता ही रहा ,
कुछ पाने के लिए ...
बुरा मान बैठे...!
- 12 Sep 2020
बेहिसाब झूठों को वह खुदा मान बैठे..!
हमने सच क्या बोला वह बुरा मान बैठे...!
- मजरूह सुल्तानपुरी
- 23 Aug 2020
तुझे न माने कोई तुझ को इस से क्या मजरूह
चल अपनी राह भटकने दे नुक्ता-चीनों को